Simple Tips To Treat Dengue: डेंगू का कहर बरसात के मौसम में मच्छरों के कारण तेजी से फैलता है। रिर्पोट्स के मुताबिक, डेंगू वायरल फीवर है, जो उत्तर-भारत में सितंबर-अक्टूबर के महीने में सबसे ज्यादा फैलता है। बरसात के बाद इसका खतरा ज्यादा होता है। मुख्य तौर पर डेंगू के लक्षण मच्छर काटने के 4-10 दिनों बाद नजर आते हैं। डेंगू की चपेट में आने पर लोगों को तेज बुखार और शरीर में दर्द तथा अत्यधिक कमजोरी महसूस होने लगती है। साथ ही उनके ब्लड में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से कम होने लगती है। जिससे शरीर में इंटरनल ब्लीडिंग का जोखिम बढ़ जाता है। आपको बता दें कि डेंगू की पहचान ब्लड टेस्ट के माध्यम से की जा सकती है। ऐसे में यदि किसी व्यक्ति को बुखार आ रहा है और 2-3 दिनों तक बुखार ठीक नहीं हो रहा है, तो उसे डेंगू का टेस्ट करवा लेना चाहिए। डेंगू के इलाज में देरी करने से मौत का खतरा बढ़ जाता है।
डेंगू एक वायरल फीवर है और इसे रोकने के लिए सिर्फ पैरासिटामोल टैबलेट ही लेनी चाहिए। लोग अपने वजन के अनुसार दिन में 3 से 4 बार पैरासिटामोल टैबलेट ले सकते हैं। आपको बता दें कि पैरासिटामोल की डोज 15 mg प्रति किलो वजन के अनुसार लेनी चाहिए। डेंगू की यह एकमात्र ऐसी दवा है, जिसे लेने से डेंगू में फायदा मिलता है। डेंगू के मरीजों को एंटीबायोटिक दवाएं भूलकर भी नहीं लेनी चाहिए, वरना उनकी कंडीशन बिगड़ सकती है।
इसके अलावा भी चिकित्सकों का कहना है कि डेंगू के मरीजों को खूब पानी पीना चाहिए और लिक्विड डाइट लेनी चाहिए। साथ ही ज्यादा से ज्यादा आराम करना चाहिए। अपनी शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाने वाली लिक्विड चीजें लेनी चाहिए। अगर आप हेल्दी चीजों का सेवन करेंगे, तो उससे प्लेटलेट्स को मेंटेन करने में मदद मिलती है। इसके अलावा तीसरी सबसे जरूरी बात यह है कि डेंगू के मरीजों को रोज अपना ब्लड टेस्ट करवाकर प्लेटलेट्स को मॉनिटर करना चाहिए। अगर आपका प्लेटलेट काउंट लगातार घट रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करे। डायबिटीज, एड्स, ब्लड प्रेशर और अन्य गंभीर बीमारियों वाले लोगों को डेंगू होने पर खास ख्याल रखना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। ऐसे लोगों के लिए डेंगू जानलेवा हो सकता है।