राजस्थान/पुष्कर। कथा व्यास महामंडलेश्वर श्री दिव्य मोरारी बापू ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण ने दसवें अध्याय की समाप्ति पर कहा, यह संसार मेरे एक अंश में टिका हुआ है। ठीक भी है क्योंकि परमात्मा के बारे में शास्त्रों ने कहा कि प्रभु अनंत कोटि ब्रह्मांड नायक है। जैसे सेनापति, सेना नायक होता है, परमात्मा करोड़ों ब्राह्मणों के नायक हैं। ब्रह्मांड एक नहीं है, अनंत कोटि ब्रह्मांड है। परमात्मा के एक-एक रोम में एक-एक ब्रह्मांड लटका है इस तरह परमात्मा अनंत कोटि ब्रह्मांड नायक है।
भगवान् श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा, पार्थ, यह सारा का सारा ब्रह्मांड मेरे एक अंश में टिका हुआ है। ऐसे-ऐसे करोड़ों ब्रह्मांड है, आकाश हैं। मैं सबका अधिपति हूं ब्राह्मण बनना, चलाना, मिटाना मेरा एक खेल है। यह मेरे लिए कोई श्रम नहीं होता। वेद में लिखा है कि परमात्मा सांस लेते है तो वेद प्रकट हो जाते हैं। इस तरह संपूर्ण संसार अनंत ब्रह्मांड भगवान से ही प्रकट होता है। सभी हरि भक्तों के लिए पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धन धाम आश्रम से साधू संतों की शुभ मंगल कामना। श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कालोनी, दानघाटी,बड़ी परिक्रमा मार्ग, गोवर्धन,जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)