Vishkanya Yoga: किसी की शिशु के जन्म के पश्चात उसके जन्म के समय के ग्रहों की स्थिति को देख कर बालक या बालिका की कुंडली बनाई जाती है. जिसमें कई सारे शुभ और अशुभ योग बनते है. ऐसे में ही आज हम बात करने वाले है विषकन्या योग के बारे में….
विषकन्या योग के नाम से ही पता चलता है कि ये किसी कन्या की कुंडली में ये योग बनता है. कुंडली में ग्रह-नक्षत्रों की कुछ खास स्थितियों में यह योग निर्मित होता है. ऐसे में यह स्थितियां क्या हैं और कुंडली में इस योग के बनने से कैसे प्रभाव देखने को मिलते हैं, इन तमाम सवालों के बारे में आइए विस्तार से जानते है.
Vishkanya Yoga: कैसे बनता है विषकन्या योग
- अगर कुंडली में पांचवें और नवम भाव में क्रमश: सूर्य और मंगल ग्रह होते है और साथ ही शनि लग्न स्थान में होता है, तो इस स्थिति में विषकन्या योग बनता है.
- वहीं, जब कुंडली के शुभ ग्रह त्रिक भावों (6, 8, 12 इन्हें ज्योतिष में शुभ भाव नहीं माना जाता) में हों और पहले घर में कोई पाप ग्रह जैसे, शनि, मंगल, राहु, केतु विराजमान हो तभी भी विषकन्या योग का निर्माण होता है.
- इसके अलावा, छठे भाव में यदि क्रूर ग्रहों शनि, राहु, केतु के साथ शुभ ग्रह बैठ जाएं अर्थात युति बनाएं तो भी विषकन्या योग माना जाता है.
- कुंडली के सप्तम भाव में पाप ग्रह हों और उस ग्रह पर किसी पाप ग्रह की ही दृष्टि भी हो तब भी विषकन्या योग का बनता है.
- कुंडली में ग्रहों की इन स्थितियों के अलावा यदि किसी कन्या का जन्म शतभिषा नक्षत्र में द्वितीया तिथि को रविवार के दिन हो, तो भी विषकन्या योग माना जाता है.
- वहीं, यदि किसी कन्या का जन्म मंगलवार के दिन, द्वादशी तिथि में शनिवार के दिन हो जाए तो विषकन्या योग बनता है.
Vishkanya Yoga: विषकन्या योग का प्रभाव
ऐसी कुंडलियों को अशुभ योगों में से एक माना जाता है. इसके नाम से ही पता चलता है कि ये जातक की जिंदगी में कई परेशानियां लेकर आने वाला है. यह योग खासकर प्रेम और वैवाहिक संबंध के लिए सबसे घातक माना जाता है. कुंडली में इस योग के बनने से पारिवारिक जीवन का सुख नहीं मिल पाता.
इसके अलावा, ऐसी स्त्रियां जिनकी कुंडली में विषकन्या योग बना हो वो कुछ अच्छा करने भी जाएं तो भी समाज में उनको तिरस्कार का सामना करना पड़ता है. हालांकि इस अशुभ योग से बचने के कई उपाय हैं, तो देर किस बात की आइए जानते हैं.
Vishkanya Yoga के प्रभाव को दूर करने के उपाय
- यदि किसी कन्या की कुंडली में विषकन्या योग बना है तो उसको शादी करने से पहले पीपल, शमी या बेर के पेड़ से शादी करनी चाहिए. ऐसा करने से विषकन्या योग का प्रभाव कम हो जाता है.
- विषकन्या योग के प्रभाव को दूर करने के लिए कन्या के शादी से पहले भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए और विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए.
- वहीं, देव गुरु बृहस्पति की पूजा करने से और गुरुवार के दिन व्रत रखने से भी कुंडली में विषकन्या योग का प्रभाव दूर होते है.
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