UP News: योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के विधायकों, मंत्रियों और विधान परिषद सदस्यों के वेतन-भत्तों में बढ़ोतरी का ऐलान किया है. गुरुवार को विधानसभा में उत्तर प्रदेश राज्य विधान मंडल सदस्य और सुख सुविधा विधि (संशोधन) विधेयक 2025 को मंजूरी मिल गई. वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि सभी जनप्रतिनिधियों के वेतन-भत्तों में वृद्धि की गई है. यह वृद्धि 9 वर्षों बाद हुई है. इस फैसले से सरकार पर 105.21 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय भार बढ़ेगा.
मंत्रियों की सैलरी 40 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये महीने की गई है. जबकि विधायकों को 25 हजार रुपए की जगह अब 35 हजार रुपये हर महीने सैलरी मिलेगी. विधायकों का चिकित्सीय भत्ता भी 30000 से बढ़ाकर 45 हज़ार किया गया है. यूपी में मंत्रियों को करीब 78 हज़ार रुपये महीने और विधायकों को करीब 68000 रुपये ज़्यादा मिलेंगे.
विधायकों का भत्ता भी बढ़ाया गया
हर विधायक को निर्वाचन क्षेत्र भत्ता पहले 50 हज़ार रुपये महीना मिलता था, जो अब बढ़ा कर 75 हज़ार रुपये कर दिया गया है. इसके अलावा पहले रेलवे के कूपन हर साल चार लाख 25 हज़ार रुपये के मिलते थे जो बढ़ाकर 5 लाख कर दिए गए हैं. टेलीफोन भत्ता 6 हज़ार से बढ़ाकर नौ हजार कर दिया गया है. विधायकों को हर महीने 30 हज़ार रुपये सचिव भत्ता मिलेगा.
अब कितना मिलेगा वेतन
जानकारी के अनुसार, अब विधायकों को वेतन के तौर पर 2.01 लाख रुपये प्रति माह से बढ़कर 2.66 लाख प्रति महीने मिलेंगे. मंत्रियों को 2.11 लाख प्रति माह की जगह अब 2.76 लाख रुपये प्रति माह मिलेंगे. सदन और समितियों की बैठकों के दौरान 2000 प्रति दिन से बढ़कर 2500 रुपये मिलेंगे. सदन के सत्र में न होने या समिति की बैठक न होने पर सार्वजनिक सेवा के लिए 1500 प्रति दिन से 2000 रुपये प्रति दिन मिलेंगे.
पेंशन में भी वृद्धि की जाएगी
इसी प्रकार, टेलीफोन भत्ता 6 हज़ार रुपये से बढ़ाकर 9 हज़ार रुपये किया जाए. पेंशन 25 हज़ार से बढ़ाकर 35 हज़ार प्रति माह की जाए. सुरेश खन्ना ने कहा कि विधान परिषद के पूर्व सदस्य को 6 वर्ष पूरे होने पर 2 हज़ार रुपये प्रति माह अतिरिक्त पेंशन दी जाएगी. यदि किसी सदस्य का कार्यकाल 6 महीने या उससे अधिक है, तो उसे एक पूरा वर्ष माना जाएगा और यदि उससे कम है, तो उसे एक वर्ष से कम माना जाएगा. पारिवारिक पेंशन न्यूनतम 25 हज़ार रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 30 हज़ार रुपये कर दी गई है.
सरकार पर 105.23 रुपये करोड़ का बोझ पड़ेगा
राज्य सरकार पर अब संशोधित वेतन और भत्तों पर 105.23 रुपये करोड़ का बोझ पड़ेगा. सरकार का कहना है कि राज्य विधानमंडल के सदस्यों और मंत्रियों को मिलने वाले वेतन, भत्ते, पेंशन और अन्य सुविधाओं में लंबे समय से संशोधन नहीं किया गया था. बढ़ती महंगाई और जीवन-यापन की बढ़ती लागत को देखते हुए, इसमें संशोधन करने का निर्णय लिया गया है ताकि वे अपने संसदीय क्षेत्र के हित में सार्थक सेवा कर सकें.
इसे भी पढ़ें:-सीएम योगी ने ध्वजारोहण कर प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएं, सभी स्वतंत्रता सेनानियों को दी श्रद्धांजलि