Maharashtra: मुंबई और महाराष्ट्र के इलेक्ट्रिक वाहन मालिकों के लिए राहत भरी खबर आई है. पर्यावरण-अनुकूल परिवहन को बढ़ावा देने और इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एक अहम कदम उठाते हुए महाराष्ट्र सरकार ने कई प्रमुख राजमार्गों को टोल फ्री कर दिया है. यह फैसला मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के मार्गदर्शन में लिया गया है. इसकी पुष्टि परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने की है.
छूट का उद्देश्य क्या है?
परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने जानकारी दी कि कई राजमार्गों पर चार पहिया वाहनों और बसों सहित सभी प्रकार के इलेक्ट्रिक वाहनों को टोल से छूट प्रदान किया गया है. यह मोटर वाहन टेक्सेशन एक्स 1958 के तहत लागू की गई. इसमें M2, M3 और M6 श्रेणियों के इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहन, साथ ही राज्य परिवहन उपक्रम (STU) और M3 तथा M6 श्रेणियों के अंतर्गत आने वाले निजी ऑपरेटरों द्वारा संचालित इलेक्ट्रिक बसें शामिल हैं.
ये हाइवे अब टोल फ्री
यह टोल माफी फिलहाल अटल सेतु कॉरिडोर के शिवाजी नगर और गावन कलेक्शन सेंटर्स पर लागू होगी. इससे पहले 31 जनवरी 2025 के एक रिजॉल्यूशन में सभी वाहनों के लिए टोल शुल्क 31 दिसंबर 2025 तक तय किया गया था. लेकिन अब इलेक्ट्रिक वाहनों को इससे बाहर कर दिया गया है. अटल सेतु के अलावा, समृद्धि एक्सप्रेसवे और मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर भी इलेक्ट्रिक गाड़ियों को टोल छूट मिलेगी. पूरे महाराष्ट्र में राष्ट्रीय और राज्य हाईवेज़ पर इलेक्ट्रिक वाहन मालिकों को टोल का सिर्फ 50% ही देना होगा.
यात्रियों और चालक के लिए आकर्षक विक्लप
परिवहन मंत्री सरनाइक ने ज़ोर देकर कहा कि “इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए टोल माफ करके, हम न केवल इलेक्ट्रिक वाहन मालिकों का समर्थन कर रहे हैं, बल्कि कार्बन उत्सर्जन को कम करने और स्वच्छ पर्यावरण को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी उठा रहे हैं.” इस कदम से व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों तरह के इलेक्ट्रिक वाहन का इस्तेमाल करनेवालों को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है, जिससे इलेक्ट्रिक वाहन यात्रियों और वाहन चालकों, दोनों के लिए एक आकर्षक विकल्प बनेंगे.
किन्हें मिलेगा लाभ
इस योजना का फायदा सिर्फ निजी और सरकारी इलेक्ट्रिक कारों व बसों को मिलेगा. इलेक्ट्रिक मालवाहक वाहन इस छूट के दायरे में शामिल नहीं होंगे. सरकार का मानना है कि इस कदम से लोगों को इलेक्ट्रिक गाड़ियां अपनाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा और पारंपरिक ईंधन पर निर्भरता कम होगी.
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