Ghazipur: विकास खण्ड मुहम्मदाबाद के ग्राम सुरतापुर में जयगुरुदेव जनजागरण यात्रा के पड़ाव पर आज आयोजित सत्संग समारोह में सन्त पंकज जी महाराज ने कहा कि सन्त, महात्मा, फकीर बहुत दयालु होते हैं। जिस प्रकार विद्यार्थी विद्याध्ययन के लिये स्कूल में जाते हैं उसी प्रकार सन्तों, महात्माओं, फकीरों के सत्संग आध्यात्मिक पाठशाला है। वह समझाते हैं कि गृहस्थ आश्रम में रहकर मेहनत-ईमानदारी से अपनी रोजी-रोटी कमाने का काम करें, परिवार का पालन पोषण करें। थोड़ा सा समय निकालकर भगवान का भजन भी करें। गाना, बजाना, ढोल, मंजीरा यह भजन नहीं बल्कि यह तो भजन की नकल है।
भजन तो प्रभु के देश से आ रही आकाशवाणी, अनहदवाणी, कलमा को आत्मा के तीसरे कान से सुनने को कहते हैं। इसी शब्द को सन्त कबीर ने कहा कि‘‘हम तो बचि गये साहब दुआ से, शब्द डोर गहि उतरे पार।’’ इस कलयुग में दयालु प्रभु ने जीवात्माओं को भवसागर से पार उतारने के लिये सन्तों, फकीरों को भेजा, उन्होंने धराधाम पर आकर अपना परिचय देते हुए कहा कि‘‘हम आये वहि देश से जहां तुम्हारा धाम, तुमको घर पहुंचावना एक हमारा काम।’’ इसी रास्ते पर चलने के लिये बाबा जयगुरुदेव जी ने आवाज लगाई ऐ इन्सानों! तुम अपने दीन ईमान पर वापस आ जाओ, इस मनुष्य मंदिर में बैठकर भगवान का भजन करो ताकि तुम्हारी जीवात्मा नर्कों/दोजखों में जाने से बच जाय।
संस्थाध्यक्ष ने कहा कि मांसाहार के कारण पशु-पक्षियों के बैक्टीरिया मानव शरीर में पहुंचकर तरह-तरह की बीमारियां पैदा कर देते हैं। अभी कोरोना जैसी बीमारी आई सारा विश्व तबाह हो गया। इस कठिनाईयों से बचाने के लिये सभी लोग मांस, मछली, अण्डों का परित्याग करें। हजारों बुराईयों की जड़ शराब को त्यागें। रहम दिल बनें। जब लोग भगवान पर विश्वास करके अशुद्ध खान-पान त्याग देंगे तो प्रकृति (कुदरत) अनुकूल होगी समय से जाड़ा, समय से गर्मी समय से वर्षा होगी। सबका जीवन सुखी होगा।
इस अवसर पर जंगबहादुर सिंह यादव, मनोज यादव, घूरा यादव, मनबोध यादव, बेचूसिंह यादव, अंगद पाल, सहयोगी संगत हरियाणा के बुधराम यादव, रामनिवास, बाबूलाल शर्मा आदि मौजूद रहे। शान्ति व्यवस्था में पुलिस प्रशासन का सहयोग रहा। कार्यक्रम के बाद जनजागरण यात्रा अगले पड़ाव मलिकपुर मुर्की ब्लाक भांवरकोल के लिये प्रस्थान कर गई।