Brahma Muhurta : ब्रह्म मुहूर्त वह समय होता है जब ब्रह्मांडीय ऊर्जा बेहद सकारात्मक होती है. इस दौरान हमारे ऋषि-मुनियों ने ब्रह्म मुहूर्त का नाम अमृत वेला भी दिया है. बता दें कि ब्रह्म मुहूर्त का समय ज्यादातर सुबह 4 बजे से शुरू होकर लगभग 5 बजकर 30 मिनट तक रहता है. धार्मिकों के अनुसार इस समय किए गए कार्य का फल भी आपको बेहद शुभ मिलता है. इसके साथ ही कुछ ऐसे कार्य भी हैं जिन्हें ब्रह्म मुहूर्त के दौरान करने से आपको धन-धान्य और पारिवारिक सुख की भी प्राप्ति हो सकती है.
स्नान और प्रभु स्मरण
माना गया है कि ब्रह्म मुहूर्त में उठकर आपको स्नान करके भगवान का स्मरण अवश्य करना चाहिए. यदि इस समय अपने इष्ट देव का स्मरण और पूजन करते हैं तो इससे आपके घर में बरकत आती है और आप पितृ दोष से भी मुक्ति पाते हैं. ऐसे में ब्रह्म मुहूर्त में भगवान का पूजन करना आपके आध्यात्मिक बल को भी बढ़ाता है.
हथेली के दर्शन करना शुभ संकेत
हिंदू धर्मों के अनुसार हथेली में देवी-देवताओं का वास होता है. इस दौरान सोकर उठने के बाद ब्रह्म मुहूर्त में सबसे पहले उठकर अपने हथेलियों के दर्शन करते हैं तो आपको शुभ फलों की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही हथेली के दर्शन करते हुए आपको नीचे दिए गए मंत्र का जप करना चाहिए.
‘ॐ काराग्रे वसते लक्ष्मी, करमध्ये सरस्वती। करमूले तु गोविंदा, प्रभाते करदर्शनम्।‘
इस मंत्र का अर्थ होता है कि हथेली के ऊपरी भाग में माता सरस्वती का वास है, क्योंकि हथेली के मध्य में माता सरस्वती बसती हैं और हथेली के मूल भाग में स्वयं भगवान गोविंद का निवास है. इसलिए सुबह के समय में हथेली के दर्शन करना शुभ माना जाता है. इस मंत्र का जप करना और प्रत्येक दिन हथेली के दर्शन करना आपको धन-धान्य और पारिवारिक सुख दिलाता है.
योग और ध्यान
इसके साथ ही योगासन आपके शरीर को तंदुरुस्त बनाते हैं और ध्यान करने से मानसिक स्थिरता की भी प्राप्त होती है. ऐसे में आपको सुबह के समय योग और ध्यान भी अवश्य करना चाहिए. इससे आपका आध्यात्मिक विकास भी होता है. ऐसा करने से आप जीवन में हर सफलता प्राप्त कर सकते हैं और सभी कठिनाइयों का सामना करने की भी हिम्मत होती है.
मंत्र जप
बता दें कि यदि आप किसी एक मंत्र को जपने का संकल्प लेकर प्रतिदिन अगर इसे आप ब्रह्म मुहूर्त में जपते हैं तो इससे आपको लाभ की प्राप्ति होती है. ऐसे में मंत्र के सिद्ध होने पर आप अपनी मनोकामनाओं को पूरा कर सकते हैं. इच्छानुसार आप गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र आदि का जप ब्रह्म मुहूर्त में कर सकते है.
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