Karwa Chauth 2025: हर साल कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए करवाचौथ का व्रत रखती हैं. कहा जाता है कि इस व्रत को करने से दंपती के जीवन में प्रेम और स्नेह बना रहता है. इस दिन महिलाएं निर्जला उपवास करती हैं और शाम को चांद को देखकर उपवास खोलती है और पति की लंबी आयु की कामना करती.
ऐसे में इस साल करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर को रखा जाएगा. ऐसे में यदि आप भी पहली बार करवा चौथ का व्रत रखने जा रही है, तो आपको कुछ बातों का जरूर से ध्यान रखना चाहिए. ऐसे में कौन कौन सी बातें है, जिनका आपको खास ख्याल रखना है चलिए जानते है…
मेहंदी और श्रृंगार
करवाचौथ के व्रत के दौरान महिलाओं के सोलह श्रृंगार करने का भी महत्व है. इस दिन शादीशुदा महिलाओं को आलता , सिंदूर , काजल , बिंदी, मेहंदी समेत पूरा श्रृंगार करना चाहिए.
सरगी खाने का सही समय
वहीं, करवा चौथ में कुछ जगहों पर सरगी खाने की परंपरा होती है. इस दिन सास अपनी बहू को सरगी देती है और बहू सास की दी हुए ही सरगी खाकर ही व्रत शुरू करती है. ऐसे में इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि सुबह सूर्योदय से पहले सरगी खा लें. क्योंकि इसके बाद निर्जला व्रत शुरू हो जाता है.
करवा चौथ की मान्यता बताएं
आजकल नए जमाने की लड़कियों को रीति रिवाजों की अधिक जानकारी नहीं होती है. ऐसे में उन्हें अपनी परंपराओं को मान्यताओं को जानना बेहद ही जरूरी होता है. कि आखिर करवा चौथ व्रत की क्या मान्यता है, इसे क्यों मनाया जाता है, इसके पूजा का क्या विधान है साथ ही इस व्रत के दौरान चांद को देखने का क्या मतलब होता है.
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