Lakshmi Ganesh Pujan: दिवाली को हिंदुओं का सबसे प्रमुख त्योहार में से एक है, जिसे दीपोत्सव के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन घर, कार्यस्थल समेत खेत खलिहान तक दीये की रोशनी से जगमग होते है. दिवाली पर्व की शुरुआत धनतेरस से ही हो जाती है और भाई दूज तक कुल पांच दिनों तक चलता है. साथ ही इस विशेष दिन पर लक्ष्मी-गणेश की पूजा का भी महत्व होता है.
ऐसे में अगर आप दिवाली के विशेष अवसर पर लक्ष्मी-गणेश जी मूर्ति खरीदने जा रहे है, तो इन बातों का ध्यान अवसय रखें. ऐसे में आइए जानते हैं लक्ष्मी गणेश जी की प्रतिमा से जुड़ी कुछ जरूरी बातों के बारे में, जिनका ख्याल रखकर आप तरक्की के रास्ते पर तेजी से बढ़ सकते है.
खरीदें अलग-अलग मूर्ति
बता दें कि हर साल दिवाली के दिन लक्ष्मी-गणेश पूजन के लिए माता लक्ष्मी और गणेश जी की नई मूर्तियां खरीदी जाती हैं. ऐसे में ध्यान रखें कि लक्ष्मी गणेश जी की अलग-अलग मूर्तियां ही खरीदें. ये मूर्तियां आपस में जुड़ी हुई नहीं होनी चाहिए.
ऐसी हो गणेश जी की मूर्ति
दिवाली पर गणेश जी की मूर्ति खरीदते यह ध्यान रखें कि उनकी सूंड बाईं तरफ हो. साथ ही वह मूषक पर सवार हों और उनके हाथ में मोदक हो. माना जाता है कि ऐसी मूर्ति खरीदने से साधक को विशेष फल प्राप्त हो सकता है.
मां लक्ष्मी की मूर्ति
वहीं, मां लक्ष्मी की मूर्ति खरीदते समय ध्यान रहे कि वह उल्लू पर सवार न हों. साथ ही ऐसी मूर्ति भी न खरीदें जिसमें वह खड़ी हुई मुद्रा में हों, क्योंकि ऐसी मूर्ति उनके जाने का प्रतीक मानी जाती है. इस लिए ऐसी मूर्ति का चयन करें, जिसमें वो कमल पर विराजमान हों, क्योंकि ऐसी मूर्ति घर-परिवार के लिए शुभ मानी जाती है.
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