JEE Main 2025: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (JEE) Main 2025 के लिए टाई-ब्रेक नियम में एक बार फिर से संसोधन किया है. हाल ही में किए गए इस नए बदलाव के मुताबिक, अब समान स्कोर वाले उम्मीदवारों को रैंक देते समय उम्मीदवारों की आयु और JEE Main 2025 एप्लीकेशन नंबर पर विचार नहीं किया जाएगा, बल्कि सिर्फ परीक्षा में छात्रों के प्रदर्शन पर ही रैंकिंग आधारित होगी. ऐसे में अगर उम्मीदवारों का प्रदर्शन समान है, तो उन्हें समान JEE Main रैंक दी जाएगी.
कब होंगे जेईई के एग्जाम?
एनटीए ने सोमवार की शाम को जेईई मेन 2025 परीक्षा शेड्यूल जारी किया है, जिसमें मुताबिक, जेईई मेन 2025 सेशन 1 अस्थायी रूप से 22 जनवरी से होने वाला है, जबकि सेशन 2 अस्थायी रूप से 1 से 15 अप्रैल के बीच आयोजित किया जाएगा. परीक्षा शेड्यूल के साथ ही एनटीए ने जेईई मेन 2025 के लिए रजिस्ट्रेशन विंडो खोल दी है और पात्र उम्मीदवार 22 नवंबर तक जेईई की नई आधिकारिक वेबसाइट jeemain.nta.nic.in के माध्यम से आवेदन पत्र भर सकते हैं.
JEE Main 2025: एग्जाम पैटर्न
बता दें कि जेईई मेन 2025 दो चरणों में आयोजित किया जाएगा. इस दौरान परीक्षा में दो पेपर होंगे: पेपर 1, बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (बीई) और बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (बीटेक) कार्यक्रमों में एडमिशन के लिए, और पेपर 2, बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर (बीआर्क) और बैचलर ऑफ प्लानिंग (बीप्लानिंग) कार्यक्रमों में एडमिशन के लिए.
एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
वहीं, बात करें आयु सीमा की तो जेईई मेन 2025 में उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों के लिए कोई आयु प्रतिबंध नहीं है, ऐसे में जिन उम्मीदवारों ने 2023, 2024 में अपनी कक्षा 12 या समकक्ष परीक्षा पास की है, या 2025 में उपस्थित हो रहे हैं, वो जेईई मेन 2025 परीक्षा देने के पात्र हैं। हालांकि, उम्मीदवारों को अभी भी उन संस्थानों द्वारा निर्धारित किसी भी विशिष्ट आयु आवश्यकताओं को पूरा करना होगा जिनमें वे एडमिशन चाहते हैं.
JEE Main 2025: क्या है टाई-ब्रेक्रिंग नियम
यदि किसी उम्मीदवार को समान रैंक आता है तो ऐसी दशा में मैथ में हाई NTA स्कोर देखा जाएगा.
फिजिक्स में हाई NTA स्कोर देखा जाएगा.
केमेस्ट्री में हाई NTA स्कोर देखा जाएगा.
फिर परीक्षा में सभी विषयों में सही उत्तरों के लिए गलत उत्तरों के प्रयास का अनुपात कम है.
मैथ में सही उत्तरों के लिए गलत उत्तरों के प्रयास का अनुपात कम है
फिजिक्स में सही उत्तरों के लिए गलत उत्तरों के प्रयास का अनुपात कम है.
केमेस्ट्री में सही उत्तरों के लिए गलत उत्तरों के प्रयास का अनुपात कम है.
इतना सब चेक करने के बाद भी बराबरी होती है, तो फिर उम्मीदवारों को रैंक भी बराबर ही दी जाएगी.
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