परीक्षा लेते वक्‍त काफी कठोर हो जाते हैं भगवान: दिव्‍य मोरारी बापू  

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि राजा बलि के यज्ञ में भगवान दान लेने गये, राजा बलि ने कहा- ले लो महाराज, जो चाहिये आपको. भगवान ने कहा- तीन पग भूमि दान में दे दो. राजा बलि ने कहा- इतनी बढ़िया कथा सुनाई फिर भी सिर्फ तीन पग भूमि मांग रहे हो. बलि इतना दान देता है कि दोबारा मांगने की जरूरत ही न पड़े.

भगवान ने कहा- हम संतोषी ब्राह्मण हैं. हमें तीन पग भूमि ही काफी है, ज्यादा क्या करना है? ब्राह्मण में लोभ आये तो उसका तेज खत्म हो जाता है. बलि ने कहा- ले लो महाराज, तीन पग ही ले लो.

दैत्य गुरु शुक्राचार्य ने कहा यह विष्णु हैं, ब्राह्मण के भेष में विष्णु प्रकट हुए हैं तेरा सब ले जायेंगे. बलि बहुत प्रसन्न हुए,बोले गुरुदेव इससे बढ़िया सौभाग्य कब मिलेगा कि दुनियां का दाता मेरे यहां याचक बनकर आये फिर मैं मना कर दूं. पहले बता देते, अब मुंह से निकल चुका है, अब इसे पूरा करूंगा. तू लक्ष्मी हीन हो जायेगा.बलि ने कहा इसकी कोई चिंता नहीं, लक्ष्मी आने जाने वाली है और गुरुजी कमण्डल में घुस गये तो भगवान ने ऐसे कुशा चुभाया की आंख ही फूट गई.

तीन पग भूमि लेने के लिये भगवान ने विराट रूप बनाया कि दो पग में तीनों लोक नाप दिये. एक पग बाकी है. बांध दिया ब्रह्म पाश से, ठाकुर जी कठोर भी हैं, परीक्षा लेते समय बड़े कठोर हो जाते हैं. तीनों लोक लेकर ब्रह्म पाश से बांध दिया और लाल आंखें करके बोले तुम तीन पग नहीं दे सकते, कहते हो और मांगो. तीसरा पग दे नहीं अभी नरक देता हूं. उसने कहा ठाकुर जी मैं स्वर्ग नरक को एक समान मानता हूं, यह तो जिन्दगी के दो पहलू हैं. दिन और रात की तरह आते-जाते रहते हैं.

आप मुझे डराइये नहीं, मैं तीसरा पग पूरा करूंगा. कैसे पूरा करेगा? मेरी संपत्ति दो पग में नाप ली है यह शरीर तीसरे पग में नाप लो आज से यह शरीर आपको दे दिया. अब भगवान पानी-पानी हो गये, जिसने पूरा जीवन दे दिया, फिर बाकी क्या बचा. सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).

 

		

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