Ghazipur Literature Festival 2025: साहित्यिक परंपरा को जीवित रखने से ही आगे बढ़ेगी समाज व संस्कृति-आचार्य पवन त्रिपाठी

Ghazipur Literature Festival 2025: मुंबई में सिद्धिविनायक मंदिर के कोषाध्यक्ष आचार्य पवन त्रिपाठी ने कहा है कि समाज और संस्कृति तभी आगे बढ़ेगी, जब हम अपनी साहित्यिक परंपरा को जीवित रखेंगे। यह हमारी जिम्मेदारी और धर्म है कि हम इसे आगे लेकर जाएं। वह शुक्रवार को वाराणसी के होटल द क्लार्क्स में आयोजित तीन दिवसीय ‘गाजीपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2025’ के पहले दिन उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।

भारत एक्सप्रेस के CMD और एडिटर-इन-चीफ उपेंद्र राय की सराहना

इस दौरान देश-विदेश से कई नामी हस्तियां मौजूद थीं। कार्यक्रम की शुरुआत से पहले मुंबई के आचार्य पवन त्रिपाठी ने भारत एक्सप्रेस के CMD और एडिटर-इन-चीफ उपेंद्र राय की सराहना की और कहा कि इस तरह का आयोजन साहित्य और संस्कृति को आगे बढ़ाने में बेहद अहम है। पवन त्रिपाठी ने कहा कि साहित्य और अध्यात्म का गहरा संबंध है। हमारी सबसे पुरानी परंपरा वेदों से ही साहित्य की नींव रखी गई थी।

युवाओं को खास संदेश

अपने संबोधन में उन्होंने युवाओं को खास संदेश दिया। कहा कि जब तक आप किताबें नहीं पढ़ेंगे और गहराई से अध्ययन नहीं करेंगे, तब तक न साहित्य को समझ पाएंगे, न भारतीय संस्कृति और सभ्यता को समझ पाएंगे। किसी भी समाज या व्यक्ति का निर्माण गहरी समझ और परंपराओं की जानकारी के बिना संभव नहीं है।

साहित्य को ज्यादा समय देना चाहिए

पवन त्रिपाठी ने आज की नई पीढ़ी को ‘रील वाली पीढ़ी’ बताते हुए कहा कि युवाओं को सोशल मीडिया पर रील्स देखने में कम और साहित्य को ज्यादा समय देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर युवा साहित्य से जुड़ेंगे तो उनका व्यक्तिगत विकास होगा और समाज भी आगे बढ़ेगा। गाजीपुर लिटरेचर फेस्टिवल को लेकर उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन न सिर्फ साहित्य को जीवित रखते हैं बल्कि नई पीढ़ी को अपनी संस्कृति और परंपराओं से जोड़ने का काम भी करते हैं।

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