Varanasi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को वाराणसी दौरे पर रहेंगे. इस दौरान वो करीब 2200 करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे. इन परियोजनाओं का उद्देश्य वाराणसी में बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, शहरी विकास और सांस्कृतिक धरोहर को मजबूती देना है.
काशी वालों को पीएम देंगे बड़ी सौगात
पीएम नरेंद्र मोदी की यह जनसभा वाराणसी के सेवापुरी ब्लॉक के कालिकाधाम (बलौनी) में हो रही है. यहां मंच से प्रधानमंत्री 2183.45 करोड़ रुपये की लागत वाली कुल 52 परियोजनाओं की सौगात देंगे. जिसका फायदा न सिर्फ काशी, बल्कि पूर्वांचल की जनता को मिलेगा. इतना ही नहीं वह प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 20 किस्त के रूप में 9.7 करोड़ किसानों के लिए 20 हजार 500 करोड़ रुपये की किस्त जारी करने वाले हैं.
शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और पर्यटन के क्षेत्र का करेंगे कायाकल्प
वाराणसी में ये परियोजनाएं बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, पर्यटन, शहरी विकास और सांस्कृतिक विरासत जैसे प्रमुख क्षेत्रों में फैली हुई हैं. इनका उद्देश्य वाराणसी में समग्र शहरी परिवर्तन, सांस्कृतिक कायाकल्प, बेहतर कनेक्टिविटी और जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि करना है.
47 ग्रामीण पेयजल योजनाओं का उद्घाटन
पीएम मोदी सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण जल निकायों के संरक्षण के लिए रामकुंड, मंदाकिनी, शंकुलधारा सहित विभिन्न कुंडों में जल शुद्धिकरण और रखरखाव कार्यों का शिलान्यास भी करेंगे. साथ ही वो चार तैरते पूजन मंचों की स्थापना भी करेंगे. ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल सुनिश्चित करने के लिए जल जीवन मिशन के तहत 47 ग्रामीण पेयजल योजनाओं का उद्घाटन भी पीएम मोदी करेंगे.
इन परियोजनाओं का तोहफा
जिन परियोजनाओं की पीएम शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे, उनमें 269.10 करोड़ रुपये का वाराणसी-भदोही फोरलेन मार्ग, 42.22 करोड़ का मोहनसराय अदलपुरा रोड पर आरओबी, 2.54 करोड़ रुपये का रामनगर पीएसी में बैरक निर्माण, 22 करोड़ रुपये का गंगा किनारे के आठ घाटों का सीएसआर से पुनर्विकास, 2.56 करोड़ रुपये का कालिका धाम मंदिर, सेवापुरी का पुनर्विकास, 4.88 करोड़ रुपये का लालपुर स्टेडियम सिंथेटिक हाकी ग्राउंड पुनर्विकास समेत कुल 52 परियोजनाएं हैं.
बिजली के बुनियादी ढांचे की रखेंगे आधारशिला
क्षेत्र में बिजली के बुनियादी ढांचे को मजबूत करते हुए प्रधानमंत्री स्मार्ट वितरण परियोजना के तहत विभिन्न कार्यों और 880 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले बिजली के बुनियादी ढांचे को भूमिगत करने की आधारशिला रखेंगे.
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