Kota: राजस्थान की शिक्षा नगरी कोटा रोजाना नए आयाम गढ़ रही है. हर साल लाखों छात्र इंजीनियरिंग से लेकर मेडिकल तक की परीक्षाओं के लिए इस कोचिंग नगरी का रुख करते हैं. इसी सिलसिले में, आईआईटी कानपुर ने एक आंकड़ा जारी किया है जिसके अनुसार, देश भर में आईआईटी में दाखिला पाने वाला हर चौथा उम्मीदवार कोटा से तैयारी कर रहा है.
क्यों खास है कोटा
हर साल 2 लाख से ज्यादा छात्र यहां NEET और IIT-JEE की तैयारी के लिए आते हैं. कोटा को इतना खास बनाने वाली चीजें सिर्फ अच्छे कोचिंग इंस्टीट्यूट ही नहीं, बल्कि यहां का नेशनल लेवल का कंपीटिशन, एक्सपर्ट फैकल्टी और मॉर्डन फैसलिटीज भी हैं. इसके साथ ही कोचिंग सेंटरों से कुछ ही दूरी पर हॉस्टल, पीजी, मैस, रेस्टोरेंट, अस्पताल और शॉपिंग की सुविधा उपलब्ध हैं. यहीं वजह है कि हजारों परिवार बच्चों के साथ यहां आकर बस जाते हैं. यही कारण है कि कोटा को एजुकेशन सिटी ऑफ इंडिया कहा जाता है.
देश भर से टैलेंटेड स्टूडेंट्स कोटा में एक साथ पढ़ाई करते हैं. यहां उन्हें अपनी तैयारी को नेशनल लेवल पर परखने का मौका मिलता है. यही वजह है कि IIT-JEE और NEET जैसे कठिन एग्जाम में हर तीसरा सफल छात्र कोटा से जुड़ा होता है.
फीस और खर्च कितना
पहले कोटा में पढ़ाई और रहने का खर्च 4 से 5 लाख रुपये सालाना तक पहुंच जाता था. लेकिन इस बार हालात बदले हैं. स्टूडेंट्स की संख्या कुछ कम होने से कोचिंग संस्थानों और हॉस्टल दोनों में फीस घटा दी है.
- कोचिंग फीस- ज्यादातर संस्थानों में अब 17,000 से डेढ़ लाख रुपये के बीच फीस लगती है.
- हॉस्टल पीजी- 8,000 रुपये महीने से भी कम में रहना, खाना और बेसिक सुविधाएं मिल रही है. यानी सालभर का लगभग खर्च 90,000 से 1 लाख तक आता है.
इंटरनेशनल पहचान
कोटा के स्टूडेंट्स सिर्फ जेईई-नीट ही नहीं बल्कि इंटरनेशनल ओलिंपियाड्स और विदेश की टॉप यूनिवर्सिटीज तक पहुंचे हैं. एमआईटी, कैंब्रिज और ऑक्सफोर्ड जैसे संस्थानों में दाखिला पाने वाले कई विद्यार्थी कभी कोटा के कोचिंग संस्थानों का हिस्सा रहे हैं. कुल मिलाकर कोटा आज आईआईटी और के नीट की तैयारी के लिए देश का भरोसमंद डेस्टिनेशन बना हुआ है. कम हुई फीस, बेहतर सुविधाएं और अनुभवी फैकल्टी के चलते यहां पढ़ाई करना अब पहले से ज्यादा किफायती और उपयोगी हो गया है.
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