कानपुर। छोटे से कस्बे के रहने वाले परचून दुकानदार के इंजीनियर बेटे आकाश अवस्थी ने बड़ी छलांग लगाई है। अमेरिका की ह्यूस्टन यूनिवर्सिटी की डेढ़ करोड़ की स्कॉलरशिप पाकर आकाश ने जिले का नाम रोशन किया है। उनका चयन पांच साल के लिए पीएचडी प्रोग्राम में हुआ है। वे अब अमेरिका में ही रहकर कंप्यूटर साइंस पर शोध करेंगे। आकाश दिल्ली एयरपोर्ट से अमेरिका के लिए उड़ान भरेंगे। मुनीश्वर अवस्थी नगर मोहल्ले के रहने वाले आकाश ने बताया कि मार्च 2021 में यूनिवर्सिटी की ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा में कई वैज्ञानिकों के इंटरव्यू, लिखित परीक्षा के बाद उनका चयन इलेक्ट्रानिक इंजीनियरिंग के कंप्यूटर साइंस के पीएचडी प्रोग्राम के लिए हुआ है। रिसर्च के दौरान थियोरेटिकल कंप्यूटर साइंस, कंप्यूटर डाटा यूजेस और भविष्य में कंप्यूटर में होने वाले नए-नए बदलावों पर शोध करना है। यूनिवर्सिटी उन पर प्रति वर्ष 39,672 यूएस डॉलर खर्च करेगी। इसमें यूनिवर्सिटी में रहना, पठन-पाठन और अन्य चीजें शामिल हैं। कुछ अंश उन्हें नगद भी दिया जाएगा। आकाश के पिता प्रदीप अवस्थी परचून की दुकान चलाते हैं। उनके दो बेटे आकाश और आकर्षित हैं। पत्नी पूनम गृहिणी हैं। प्रदीप ने बताया कि आकाश ने आठवीं तक की शिक्षा बिल्हौर में ही ली, फिर कानपुर के जयनारायण स्कूल से 10वीं में 87 प्रतिशत और 12वीं में 89 प्रतिशत अंक पाए। आईआईटी कानपुर में दाखिला न हो पाने पर बेटे ने तमिलनाडु कलासिलगम विश्वविद्यालय में बीटेक कंप्यूटर साइंस में एडमिशन लिया और टॉप कर गोल्ड मेडल हासिल किया। आकाश ने बताया कि बीटेक में गोल्ड मेडल मिलने के बाद उन्हें यूनिवर्सिटी की ओर से ही भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर मुंबई भेजा गया था। यहां करीब छह माह तक सुपर कंप्यूटर पर काम करने का मौका मिला। इसी तरह आईआईटी कानपुर, आईआईटी गांधी नगर में भी कंप्यूटर एनालिसिस के कई प्रोजेक्ट पर काम किया। उसके बाद अमेरिकन कंपनी ग्रेट लर्निंग डाटा बैंक में सालाना 20 लाख रुपये के पैकेज पर नौकरी लग गई। आकाश की इस उपलब्धि पर बाबा सुरेश चंद्र अवस्थी भी खुशी से लबरेज हैं। चाचा संदीप अवस्थी ने इस उपलब्धि पर गंगा तट पर श्रीमद कथा और भंडारे का आयोजन कराया। संदीप अवस्थी ने बताया कि आकाश का पासपोर्ट और वीजा बनकर तैयार है।