प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) में विदेशी छात्रों को आवंटित सीटों के अतिरिक्त प्रवेश देने के लिए सुपर न्यूमैरेरी कोटे में पांच फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। अब 20 फीसदी सुपर न्यूमैरेरी कोटे के तहत प्रवेश दिया जाएगा। खास यह कि विदेशी छात्रों को सेल्फ फाइनेंस कोर्स में सीधे प्रवेश मिलेगा, लेकिन इसमें विधि को शामिल नहीं किया गया है। इविवि की एकेडमिक कौंसिल ने इस पर अपनी मुहर लगा दी है और नए सत्र से यह व्यवस्था लागू की जाएगी। इविवि में वर्ष 2016 से विदेश छात्रों की संख्या तेजी से कम हो रही है। पिछले 2 वर्षों से कोरोना संक्रमण के कारण संख्या में और तेजी से कमी आई है। इविवि में वर्ष 2016 में विदेश छात्रों की संख्या 131 थी, जो अब घटकर 31 रह गई है। इंडियन कौंसिल फॉर कल्चर रिलेशन ने इस बार इविवि को 11 विदेशी छात्रों के नाम भेजे हैं, लेकिन अब तक केवल चार छात्रों ने ही प्रवेश लिए हैं। एकेडमिक कौंसिल की पिछली बैठक में अंतर्राष्ट्रीय छात्र सलाहकार, इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रो. एआर सिद्दीकी कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव के समक्ष यह मुद्दा रखा था। कुलपति ने इस पर चिंता जाहिर करते हुए विदेशी छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए कमेटी का गठन कर दिया था। उन्होंने कला संकाय के अध्यक्ष प्रो. हेरंब चतुर्वेदी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थ्राी, जिसमें प्रो. शांथि सुंदरम और प्रो. एआर सिद्दीकी सदस्य के रूप में शामिल किए गए थे। इस कमेटी की सिफारिश के आधार पर विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने वाले विदेशी छात्रों बड़ा मौका दिया गया है। इविवि की पीआरओर डॉ. जया कपूर ने बताया कि विदेशी छात्र स्ववित्तपोषित कैटेगरी में विधि को छोडक़र अन्य सभी पाठ्यक्रमों में प्रवेश ले सकते हैं। इसके लिए 20 फीसदी का सुपर न्यूमैरेरी कोटा निर्धारित किया गया है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में विदेशी छात्रों की संख्या बढ़ेगी। प्रो. सिद्दीकी के अनुसार इंडियन काउंसिल आफ कल्चर रिलेशन के माध्यम से विदेशी छात्र किसी भी विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर सकते हैं। इसके लिए सरकार उन्हें प्रतिमाह 12 हजार रुपए फेलोशिप भी देती है। साथ ही सरकार प्रति छात्र 1100 डालर ( तकरीबन 80 हजार रुपये) विश्वविद्यालय को फीस के रूप में देती है।