लखनऊ। उत्तर प्रदेश में रोबोटिक किडनी ट्रांसप्लांट शुरू हो गई है। एसजीपीजीआई की टीम ने बहराइच निवासी मरीज से इसकी शुरूआत की। इसमें 42 वर्ष की बेटी के लिए 61 साल की मां ने किडनी दान की है। मरीज तीन साल से डायलिसिस के सहारे थी। एसजीपीजीआई के नेफ्रोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. नारायण प्रसाद की ओपीडी में वर्ष 2019 में महिला आई थी। जांच में पता चला कि उसे किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत है, लेकिन तत्काल संभव नहीं था। ऐसे में अप्रैल 2019 से उसे हीमोडायलिसिस के सहारे रखा गया। इस बीच मरीज की बाराबंकी निवासी 61 वर्ष की मां किडनी डोनेशन के लिए आगे आई। सभी तरह की जांच कराने के बाद मरीज और डोनर की किडनी की मैचिंग सही पाई गई। मरीज की स्थिति गंभीर थी, ऐसे में छह अगस्त को रोबोटिक तकनीक से ट्रांसप्लांट किया गया। डॉ. प्रसाद ने बताया कि ट्रांसप्लांट पूरी तरह से सफल रहा है। मरीज और डोनर दोनों की हालत में सुधार है। संस्थान के निदेशक प्रो. आरके धीमान ने बताया कि संस्थान के चिकित्सा विशेषज्ञों ने नई उलब्धि हासिल की है। रीनल ट्रांसप्लांटेशन विभागाध्यक्ष प्रो. अनीश श्रीवास्तव, प्रो. राजेश अहलावत, नेफ्रोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. नारायण प्रसाद, एनेस्थीसिया से प्रो. अनिल अग्रवाल और प्रो. संदीप साहू की टीम शामिल रही।