वाराणसी। काशी के मंदिरों में चढ़े फूलों की अगरबत्ती जल्द ही बाजार में आएगी। केंद्रीय औषधीय एवं सुगंध पौधा संस्थान (सीएसआईआर, सीमैप लखनऊ) ने फूलों से अगरबत्ती बनाने की तकनीक को साईं इंस्टीट्यूट आफ रूरल डेवलपमेंट को हस्तांतरित किया। संस्था अगले दो महीने में काशी के मंदिरों पर चढ़े फूलों से अगरबत्ती तथा कोन का निर्माण शुरू कर अपने ब्रांड का उत्पाद बाजार में उतारेगी। प्रौद्योगिकी हस्तांतरण अनुबंध पर सीएसआईआर के प्रशासनिक नियंत्रक भास्कर ज्योति देउरी तथा साईं इंस्टीट्यूट आफ रूरल डेवलपमेंट के डॉ. अजय कुमार सिंह ने हस्ताक्षर किए। डॉ. सिंह ने बताया कि मंदिरों में चढ़े फूलों से निर्मित सुगंधित अगरबत्ती एवं कोन पूर्णतया हर्बल एवं सुगंधित तेलों द्वारा निर्मित होने के कारण इसका शरीर पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है। सीएसआईआर के निदेशक डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने बताया कि इन उत्पादों का सीएसआईआर-सीमैप द्वारा वैज्ञानिक रूप से परीक्षण किया गया है। व्यापार विकास विभाग के प्रमुख डॉ. रमेश के श्रीवास्तव, ने बताया कि इस तकनीक से उत्तर प्रदेश के कई शहरों जैसे गोरखपुर, अयोध्या, बनारस, लखनऊ एवं लखीमपुर में यह कार्य महिलाओं के साथ-साथ जिला कारागार में भी इसके प्रशिक्षण आयोजित कर महिलाओं को रोजगार प्रदान किया जा रहा है। इस दौरान एसएम राजू, डॉ. संजय कुमार, डॉ. राम सुरेश शर्मा मौजूद थे।