लखनऊ। नई शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत लखनऊ विश्वविद्यालय स्नातक स्तर पर चार वर्षीय पाठ्यक्रम को प्रभावी बनाएगा और इसके लिए पाठ्यक्रम बनाने की तैयारी भी शुरू कर दी गई है। इस क्रम में चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम पर चर्चा के लिए मंगलवार को विवि के डीन व शिक्षकों की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि वर्तमान स्नातक पाठ्यक्रम को संशोधित कर उसे नई शिक्षा नीति के अनुसार बनाने के लिए मेजर कोर्सेज के साथ माइनर, इंट्रा, इंटर डिपार्टमेंट व इलेक्टिव का अवसर भी विद्यार्थियों को उपलब्ध कराए जाएंगे। साथ ही विद्यार्थियों के पास को-करिकुलर कोर्स, वोकेशनल कोर्स करने का भी अवसर होगा। विद्यार्थियों को प्रोग्रेसिव रिसर्च की तरफ बढ़ाने के लिए 04 वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में माइनर प्रोजेक्ट व रिसर्च मेथाडोलॉजी भी पढ़ाई जाएगी। साथ ही इंटर्नशिप करने व डिजरटेशन लिखने का भी मौका दिया जाएगा। यह पाठ्यक्रम सेमेस्टर सिस्टम के अनुसार होगा और हर सेमेस्टर 24 क्रेेडिट का होगा। विश्वविद्यालय एनईपी के अनुसार पीजी में पहले ही सीबीसीएस सिस्टम लागू कर चुका है। जहां विद्यार्थियों को इंटर डिपार्टमेंट वैल्यू एडेड कोर्सेज, डिजरटेशन, इंटर्नशिप और फील्ड वर्क हर विभाग में कराया जा रहा है। अब वह स्नातक छात्रों को भी वैश्विक शिक्षा व इंटर डिसीप्लिनरी एप्रोच का लाभ देने की कवायद कर रहा है। बैठक में प्रो. तृप्ता त्रिवेदी, प्रो. आरके महेश्वरी, प्रो. अरविंद अवस्थी, प्रो. सीपी सिंह, प्रो. पूनम टंडन, प्रो. राकेश चंद्रा, प्रो. मनुका खन्ना, प्रो. विवेक प्रसाद, प्रो. अरुण सेठी, प्रो. अमिता बाजपाई और प्रो. पीयूष भार्गव शामिल थे।