गोरखपुर। गोरखपुर में अचार, सिरका, जैम, जेली और पापड़ बनाने वालों के व्यवसाय को अब छोटे उद्योगों का रूप दिया जाएगा। आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत खाद्य प्रसंस्करण विभाग ने ऐसे व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन नाम की योजना शुरू की है। इसके लिए चार विश्वविद्यालयों को जिम्मेदारी मिली है, जिसमें दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय भी शामिल है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसे लेकर अपनी तैयारी भी शुरू कर दी है। खाद्य प्रसंस्करण विभाग ने योजना के तहत गोरखपुर विश्वविद्यालय के अलावा बुंदेलखंड विवि झांसी, एसवीबीपी विवि मेरठ और एनडीयूएटी अयोध्या को जिम्मेदारी दी है। इसके तहत गोरखपुर विश्वविद्यालय पहले खाद्य प्रसंस्करण का व्यवसाय करने वाले पुरुष और महिलाओं से संपर्क कर उनकी सूची तैयार करेगा। इसके बाद प्रशिक्षण की व्यवस्था करेगा। प्रशिक्षित होने के बाद व्यवसाय को उद्योग के रूप में विकसित किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर फंडिंग की व्यवस्था भी करेगा और तैयार खाद्य पदार्थ को बाजार तक पहुंचाने में मदद भी करेगा। इच्छुक लोगों को स्टार्टअप योजना के तहत भी मदद करने की विश्वविद्यालय ने योजना बनाई है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने योजना की सफलता के लिए विशेषज्ञों की टीम बनाने का निर्णय लिया है। जिसमें गृह विज्ञान और वाणिज्य विभाग के विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा। योजना को सफल बनाने की अंतिम जिम्मेदारी विश्वविद्यालय के इंन्क्यूबेशन और स्टार्टअप सेंटर की होगी।