लखनऊ। कुआं, नदी, तालाब, पोखर, नहर, नाला व जल प्रपात में डूबने से मृत्यु को भी राज्य आपदा घोषित कर दिया गया है। राज्य सरकार के इस फैसले से डूबने से मौत होने पर पीड़ित परिवारों को 4-4 लाख रुपये मुआवजा मिलने का रास्ता साफ हो गया है। अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार की ओर से बुधवार को इससे संबंधित शासनादेश जारी कर दिया गया। प्रदेश में प्रति वर्ष नदी, तालाब, नहर, नाला व गड्ढे में डूबने से बड़ी संख्या में मौतें होती हैं। डूबने से मौत होने को अभी तक राज्य आपदा घोषित नहीं किया गया था जिससे पीड़ित परिवारों को राज्य आपदा मोचक निधि से मदद नहीं मिल पा रही थी। राजस्व विभाग ने ऐसे परिवारों की मदद के लिए डूबने से मृत्यु को राज्य आपदा घोषित करने का प्रस्ताव सरकार को भेजा था। करीब छह माह से यह प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन था। आखिरकार बुधवार को इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई। शासनादेश के अनुसार अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु आत्महत्या या आपराधिक कृत्य के कारण होती है तो ऐसी दशा में परिजनों को किसी तरह की कोई सहायता नहीं दी जाएगी। प्रदेश सरकार अब तक बेमौसम भारी वर्षा/अतिवृष्टि, आकाशीय बिजली, आंधी-तूफान, लू-प्रकोप, नाव दुर्घटना, सर्पदंश, सीवर सफाई व गैस रिसाव, बोरवेल में गिरने से होने वाली दुर्घटना तथा मानव वन्यजीव द्वंद आदि 11 तरह की घटनाओं को राज्य आपदा घोषित कर चुकी है। यह केंद्र सरकार घोषित 11 आपदाओं के अलावा है।