लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोविड-19 टीकाकरण में तेजी लाने के लिए ग्रामीणों का ज्यादा से ज्यादा पंजीकरण कराने की योजना तैयार की गई है। ग्रामीणों को मुफ्त वैक्सीन लगाने के लिए कोविन पोर्टल पर पंजीकरण कराया जाएगा। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में जन सुविधा केंद्रों पर निशुल्क पंजीकरण की व्यवस्था की गई है। वैक्सीन को लेकर अफवाहें दूर करने के लिए कम्युनिकेशन स्ट्रेटजी बनाकर लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित करने की भी तैयारी है। शासन की ओर से ग्रामीणों का ज्यादा से ज्यादा टीकाकरण कराने के लिए स्थानीय फ्रंटलाइन वर्कर आशा, आशा संगिनी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एनआरएलएम अधिकारी, समूह सखी, ग्राम प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी व ग्राम पंचायत अधिकारी समन्वय करेंगे। स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार वैक्सीनेशन के लिए पहचान पत्र का होना जरूरी है, लेकिन अगर किसी के पास यह पहचान पत्र नहीं हैं तो उन्हें वैक्सीनेशन से वंचित नहीं रखा जाएगा। इस श्रेणी में बुजुर्ग, साधु-संत, जेल में बंद कैदी, मानसिक अस्पतालों में भर्ती मरीज, वृद्धाश्रम के लोग, भिखारी, पुनर्वास केंद्रों में रह रहे मरीज शामिल होंगे। 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के टीकाकरण में और गति लाने के लिए तय किया गया है कि जिन गांवों की आबादी ज्यादा है, उन गांवों के पास के स्वास्थ्य केंद्रों पर अतिरिक्त सत्र प्लान कर शत-प्रतिशत लाभार्थियों का टीकाकरण कराया जाएगा। वैक्सीन की दूसरे डोज के लाभार्थियों को मोबाइल एसएमएस, इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर से फोन या कॉल के माध्यम से प्रेरित किया जाएगा। विशेषकर हेल्थ केयर वर्कर और फ्रंट लाईन वर्कर को उनके विभागाध्यक्षों के माध्यम से प्रेरित कर अधिक संख्या में वैक्सीन की दूसरी डोज से लाभान्वित किया जाएगा।