वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में जापान और भारत की दोस्ती के प्रतीक रुद्राक्ष अंतर्राष्ट्रीय कंवेंशन सेंटर बनकर तैयार हो गया है। 186 करोड़ के लागत से बना यह अत्याधुनिक कंवेंशन सेंटर पूर्वांचल की पहली इंटेलिजेंट बिल्डिंग है। रुद्राक्ष कंवेंशन सेंटर आग पर स्वत: काबू पाने में सक्षम है। इसमें आग लगने पर तत्काल अत्याधुनिक तकनीक के फायर फाइटर खुद ही आग को नियंत्रित कर लेंगे। कंवेंशनन सेंटर में बने कंपार्टमेंट व वॉटर कर्टेन आग से सुरक्षा प्रदान करेंगे। मुख्य अग्निशमन अधिकारी अनिमेष सिंह ने बताया कि बिल्डिंग में किसी भी तरह की आग लगने पर कार्यक्रम देख रहे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए इंटरनेशनल फायर स्टैंडर्ड के मानकों से सुसज्जित किया गया है। बिल्डिंग में आग को रोकने के लिए इसे कई कंपार्टमेंट में बांटा गया है। 450 स्क्वायर फिट पर एक स्मोक डिटेक्टर है। रुद्राक्ष में कुल 199 स्मोक व 53 हीट डिटेक्टर लगे हैं, जो मेन फायर अलार्म एड्रेसेबल पैनल से जुड़े हैं। जिस कंपार्टमेंट में आग लगता है, वहां ख़ुद ही वाटर कर्टेन बन जाता है। रूद्राक्ष में कुल 12 वाटर कर्टेन लगे हैं। इसके अलावा फायर डिटेक्ट होते ही स्वतः हॉल के दरवाजे खुल जाएंगे। धुआं होते ही स्मोक एजॉस्ट सिस्टम चालू हो जाएगा, जिससे धुंआ इमारत से बाहर हो जाएगा। एलीवेटर (लिफ़्ट) तक आग पहुंचने पर लिफ्ट खुद ही बंद हो जाएगी। मोटोराइज्ड फायर डैम्पर सिस्टम लगे होने से सेंट्रलाइज्ड एसी का डैंपर स्वतः ही बंद हो जाएगा, जिससे धुंआ नहीं फैलेगा। (दिल्ली के उपहार कांड में इसी डैंपर के खुले होने से पूरे हॉल में धुंआ फैल गया था और ज़्यादातर दम घुटने से हुई थी)। कंट्रोल रूम में बैठा व्यक्ति सीसीटीवी कैमरे में पूरी इमारत की स्थिति को देख कर पीए सिस्टम से आवश्यक निर्देश भी दे सकता है। 186 करोड़ की लागत से 1,200 लोगों की क्षमता वाले रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर का उद्धघाटन ज़ल्द होने वाला है। रुद्राक्ष की डिजाइन जापान की कंपनी ओरिएंटल कंसल्टेंट ग्लोबल ने किया है। निर्माण का काम भी जापान की ही फुजिता कॉपोरेशन नाम की कंपनी ने किया है। यहां बड़े म्यूजिक कंसर्ट, कांफ्रेंस, नाटक हो सकेंगे और प्रदर्शनियां भी लगेंगी। जापान भारत की दोस्ती के प्रतीक रुद्राक्ष कंवेशन सेंटर की नींव 2015 में उस समय पड़ी जब जापानी प्रधानमंत्री शिंजो अबे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वाराणसी आए थे। प्राचीन और जीवंत शहर को जापान ने भारत से दोस्ती का एक ऐसा नायाब तोहफा रुदाक्ष के रूप में दिया है। जहां अब बड़े म्यूजिक कंसर्ट, कांफ्रेंस, नाटक और प्रदर्शनियां जैसे कार्यक्रम होंगे। रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर शिवलिंग की आकृति में बनाया गया है। इसमें एल्युमिनियम के 108 बड़े पंचमुखी रुद्राक्ष लगाए गए हैं। जितना खूबसूरत ये देखने में लग रहा है, उतनी ही इसकी खूबियां भी हैं। वाराणसी नगर निगम के बगल में तीन एकड़ (13196 स्कावायर मीटर ) में यह बना है। ग्राउंड फ्लोर और प्रथम तल को लेकर हॉल होगा जिसमें वियतनाम से मंगाई गई कुर्सियों पर 1,200 लोग एक साथ बैठ सकते है। दिव्यांगजनों के लिए भी दोनों दरवाजों के पास 6-6 व्हील चेयर का इंतज़ाम है। हॉल में बैठने की क्षमता पार्टीशन से कम भी किया जा सकता है। इसके अलावा आधुनिक ग्रीन रूम भी बनाया गया है। 150 लोगो की क्षमता वाला दो कांफ्रेंस हाल और गैलरी भी है, जो दुनिया के आधुनिकतम उपकरणों से लैस है।