वाराणसी। मरीजों के इलाज और जांच में अब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक मददगार बनेगी। बीमारियों की जांच के साथ ही इससे जुड़े डेटा का मूल्यांकन भी आसानी से किया जा सकेगा। आईएमएस बीएचयू के मेडिसिनल केमिस्ट्री विभाग के वेबिनार में अंतरराष्ट्रीय सहयोग से एक एंड्रायड बेस्ड एप्लीकेशन तैयार करने का निर्णय लिया गया है। इसमें अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिक भी सहयोग करेंगे। कार्यक्रम संयोजक और विभागाध्यक्ष प्रो. यामिनी भूषण त्रिपाठी ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस इन बायो इंफॉर्मेटिक्स विषय पर पहली बार वेबिनार के माध्यम से लोगों को जोड़ने का प्रयास किया गया। इस तकनीक से आयुर्वेद के सिद्धांत त्रिदोष (वात-पित्त-कफ) से संबंधित रोगों की जांच, इलाज में सहयोग मिलेगा। प्रो. त्रिपाठी ने बताया कि एप्लीकेशन बनाने में कोलंबिया यूनिवर्सिटी से डॉ. हिमांशु, यूएसए से डॉ. पीचूमन, जर्मनी से डॉ. शिशिर गुप्ता सहयोग करेंगे। यूएसए से डॉ. मोहन ने भी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक को उपयोगी बताया। अध्यक्षता कर आईएमएस निदेशक प्रो. बीआर मित्तल ने पहल की सराहना की। कहा कि संस्थान के अन्य विभागों और सर सुंदरलाल अस्पताल में एकत्र किए गए रोगियों से संबंधित डेटा का अध्ययन किया जाएगा। कार्यक्रम में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के वैज्ञानिक डा. एसके वासने, पुणे से डॉ. बृजेंद्र गुप्ता शामिल हुए।