गोरखपुर। वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण अगर आपके सामने रोजी-रोटी का संकट आ गया है तो उत्तर प्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा संचालित मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के अंतर्गत खुद का रोजगार शुरू करने के लिए 10 लाख रुपये तक का ऋण ले सकते हैं। इस लोन को पाने के लिए 15 जून तक ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। प्रदेश में लॉकडाउन व कोरोना कर्फ्यू से उत्पन्न विषम परिस्थितियों में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने तथा ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक व्यक्तियों को स्थानीय स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा संचालित योजना से ऋण देने की व्यवस्था की गई है। अधिकतम परियोजना लागत रुपये 10 लाख तक के लिए 18 वर्ष से 50 वर्ष के बीच के मूलत: ग्रामीण क्षेत्र के निवासी ग्रामीण क्षेत्र में उद्यम स्थापित करने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। न्यूनतम शैक्षिक योग्यता कक्षा आठ उत्तीर्ण, पॉलिटेक्निक/आईटीआई उत्तीर्ण तथा खादी ग्रामोद्योग से प्रशिक्षण प्राप्त एवं पूर्व से कार्यरत परंपरागत कारीगर/अनुभवी व्यक्तियों को चयन में वरीयता मिलेगी। पोर्टल पर भरे गए स्कोर कार्ड के सत्यापन के बाद अभ्यर्थी का ऋण आवेदन पत्र उनके सेवा क्षेत्र की बैंक शाखा को भेजा जाएगा। जिसमें सामान्य वर्ग के पुरुष लाभार्थी को कुल परियोजना लागत का 10 प्रतिशत तथा आरक्षित वर्ग (अनुसूचित जाति/जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, विकलांग, भूतपूर्व सैनिक एवं महिलाओं) को 05 प्रतिशत स्वयं का अंशदान लगाना अनिवार्य है। जिला ग्रामोद्योग अधिकारी एमपी मौर्य ने बताया कि बैंक से प्राप्त कुल पूंजीगत ऋण पर सामान्य वर्ग के पुरुष लाभार्थी को 04 प्रतिशत ब्याज के अलावा शेष ब्याज जबकि आरक्षित वर्ग के लाभार्थियों को कुल पूंजीगत ऋण पर पांच वर्षों तक संपूर्ण ब्याज का भुगतान विभाग द्वारा संबंधित बैंक शाखा को किया जाएगा। नये लाभार्थी ही पात्र है। जो भी उद्यमी पूर्व में ऋण या अनुदान सहायता प्राप्त कर चुके हैं उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल सकता है।