रियायती दर पर असीमित बिजली का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे बिजली कर्मचारी

लखनऊ। प्रदेश के बिजली कर्मचारी व पेंशनर्स अब रियायती दर पर असीमित बिजली का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। विद्युत नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों को बिजली कर्मियों व पेंशनर्स के घरों पर मीटर लगाकर आम उपभोक्ताओं की तरह बिल वसूलने के निर्देश दिए हैं। आयोग ने बिजली कर्मियों व पेंशनरों के यहां हर हाल में अगले वर्ष 31 मार्च तक मीटर लगवाने को कहा है। सरकार पहले ही इसका निर्देश दे चुकी है, लेकिन इस पर अभी तक अमल नहीं हो पाया है। मौजूदा समय में रियायती बिजली की सुविधा करीब एक लाख बिजली कर्मियों व पेंशनरों को मिल रही है। आयोग ने प्रति उपभोक्ता औसत उपभोग 600 यूनिट मानते हुए 6.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से विभागीय कर्मियों व पेंशनरों को दी जाने वाली बिजली का राजस्व 442 करोड़ रुपये से ज्यादा माना है। सेवारत बिजली कर्मियों और पेंशनरों के यहां मीटर लगवाकर आम उपभोक्ताओं की भांति बिल वसूली कराने की कोशिशें परवान नहीं चढ़ पा रही हैं। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने इस पर अब कड़ा रुख अपनाया है। बृहस्पतिवार को जारी टैरिफ आर्डर में आयोग ने साफ कहा है कि 31 मार्च तक हर हाल में विभागीय कर्मियों व पेंशनरों के घरों पर मीटर लगवाकर बिलिंग शुरू कराई जाए। नियामक आयोग ने 2016-17 के टैरिफ आर्डर में विभागीय कर्मियों के लिए बनाई गई अलग श्रेणी को ही पूरी तरह खत्म कर दिया था। इससे पहले 2015-16 के टैरिफ आर्डर में रियायती बिजली की सुविधा प्राप्त कर रहे कर्मचारियों व पेंशनरों को मीटर लगवाने के लिए 1 जनवरी 2016 तक की मोहलत दी गई थी ताकि खपत का आकलन हो सके। 1 जनवरी 2016 के बाद मीटर न लगवाने वालों से नॉरमेटिव (अनुमानित खपत) आधार पर बिल की वसूली के आदेश दिए गए थे, लेकिन इस पर भी अमल नहीं हो सका।

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