Health tips : आयुर्वेद प्राचीन काल से ही चिकित्सा के रूप में उपयोग किया जा रहा है।आज भी स्वास्थ्य देखभाल के लिए प्राकृतिक तौर तरीकों पर बल दिया जाता है। यह चिकित्सा पद्धति इतना प्रभावशाली है कि धीरे धीरे इसकी प्रयोग पूरे विश्व में हो गया है। बिना किसी साइड इफेक्ट के जड़ी बूटियों के इस्तेमाल से स्वास्थ्य लाभ पाने के लिए आयुर्वेद लोगों का भरोसेमंद साथी बन गया है। जहाँ स्वास्थ्य लाभ की बात आती है लोगों का पहला चयन आयुर्वेदिक का ही होता है।
शारीरिक केयर के लिए आयुर्वेद में तीन दोषों के संतुलन पर जोर दिया जाता है। आयुर्वेद में तीन प्रकार के दोष होते हैं: वात, पित्त, कफ। आयुर्वेद के अनुसार, यह तीनो दोष आपके शरीर में मुख्य ऊर्जा का संतुलन बनायें रखतें है, जिसके कारण आपका शरीर सुचारु रूप से कार्य करता है। स्वस्थ शरीर के लिए इन दोषों का संतुलन काफी जरूरी होता है। यही तीन दोष शरीरिक, मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए आवश्यक है।
स्वस्थ रहने के आयुर्वेदिक टिप्स
- ध्यान करें: तन और मन के बीच सामंजस्य बैठाने के लिए ध्यान बहुत जरूरी है। नियमित ध्यान करने से आपका तनाव कम होता है, एकाग्रता बढ़ती है और विचारों में स्पष्टता आती है। इसलिए आपको ध्यान को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए। इससे निर्णय लेने की क्षमता में भी विकास होता है और अध्यात्म में रुझान बढ़ता है।
- उचित आहार लें: किस व्यक्ति को क्या खाना चाहिए क्या नही खाना चाहिए, इसका निर्णय उसके शरीर में मौजूद तीनों दोषों के स्तर को ध्यान में रखते हुए किया जाता है। उचित आहार से ये सभी दोष संतुलित हो जाते हैं और इसके कारण होने वाले रोगों से मुक्ति मिल जाती है। यह पाचन तंत्र को मजबूती प्रदान करनें के साथ स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है।
- पंचकर्म: पंचकर्म आयुर्वेदिक चिकित्सा का वह तकनीक है जिसकी मदद से शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल दिया जाता है। यहीं विषाक्त पदार्थ शरीर में मौजूद कई बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
- दैनिक दिनचर्या: यदि आपकी दैनिक दिनचर्या सही है तो आपको अच्छी नींद आती है और पाचन शक्ति भी बढ़ती है। इससे आपकी कार्य करने की क्षमता भी बढ़ती है इसलिए एक दैनिक दिनचर्या बनाएं और उसका पालन करें।
- तनाव प्रबंधन: आधुनिक समय में व्यस्त जीवनशैली के कारण लोगों का तनाव भी बढ़ता जा रहा है ऐसे में तनाव के कारण तरह तरह की बिमारियाँ भी उत्पन्न होती हैं जो धीरे धीरे स्वास्थ्य पर नेगेटिव प्रभाव डालती है। शरीरिक और मानसिक आरोग्य हेतु तनाव प्रबंधन बहुत जरूरी है। इसके लिए आप योग, आयुर्वेदिक उपचार, ध्यान, आदि को उपयोग में ला सकते हैं।
- भरपूर नींद: एक अच्छे स्वास्थ्य के लिए नींद बेहद जरूरी है। यह जीवन के तीन महत्वपूर्ण आधारों में से एक है। नींद के दौरान शरीर के अंदर ऊर्जा का संचय होता है जिसकी मदद से शरीर कर्यांवित होता है। नींद शरीर का सामंजस्य प्रकृति के साथ स्थापित करता है और विचारों की स्पष्टता प्रदान करता है।
- हर्बल उपचार: आयुर्वेद में कई ऐसी जड़ी बूटियों के बारे में बताया गया है जिनके सेवन से स्वास्थ को लाभ प्राप्त होता है। आयुर्वेद के कुछ जड़ी बूटियां. तुलसी, अश्वगंधा, हल्दी, आंवला, नीम, शतावरी, गुडुची, आदि। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है और संपूर्ण स्वास्थ्य भी ठीक होता है।