जम्मू-कश्मीर। उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने गुज्जर-बकरवाल और गद्दी-सिप्पी समुदाय के लोगों को तोहफा दिया। इस दिन को उन्होंने ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि वन अधिकार अधिनियम, 2006 के तहत गुर्जर-बकरवाल और गद्दी-सिप्पी समुदायों के लाभार्थियों को व्यक्तिगत और सामुदायिक अधिकार प्रमाण पत्र सौंपे गए। यह केंद्र शासित प्रदेश की वंचित जनजातीय आबादी के लिए सशक्तिकरण और समृद्धि के एक नए युग की शुरुआत करेगा। उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया और कहा कि उनके आदर्शों का ईमानदारी से पालन करते हुए हम जनजातीय समुदाय को उचित अधिकार देने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। हमारे आदिवासी भाइयों और बहनों के लिए एक नई न्यायसंगत सामाजिक व्यवस्था बनाने के लिए ऐसे कई और निर्णय लिए जा रहे हैं। सिन्हा ने कहा कि आश्वस्त करना चाहता हूं कि आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन विभिन्न स्तरों पर लगातार काम कर रहा है। जिन क्षेत्रों में सामुदायिक अधिकार दिए जा रहे हैं, उन क्षेत्रों में आधारभूत संरचना के विकास के लिए तत्काल 10 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। वन और आदिवासी पीढ़ियों का अटूट रिश्ता है। वन अधिकार अधिनियम के माध्यम से आदिवासी समुदाय को सशक्त बनाना निश्चित रूप से उनके जीवन की स्थिति को बदल देगा। वे अपने विकास के लिए संसाधनों तक पहुंच के साथ आत्मनिर्भर बनेंगे।