नई दिल्ली। कोविड संक्रमण की वजह से देश ही नहीं दिल्ली की आर्थिक स्थिति खराब हुई है। आर्थिक गतिविधियों के बंद होने से दिल्ली सरकार के राजस्व प्राप्ति में भारी कमी आई है। वित्त वर्ष 2020-21 में अनुमानित राजस्व से 41 प्रतिशत कम राजस्व की प्राप्ति हुई तो वर्तमान वित्त वर्ष 2021-22 में भी अब तक अनुमानित राजस्व से 23 प्रतिशत कम राजस्व मिला है। हालांकि नई आबकारी नीति से दिल्ली सरकार की राजस्व आय में बढ़ोत्तरी की उम्मीद है। नई आबकारी नीति से दिल्ली को राहत मिलेगी। नवंबर 2021 से हर साल लगभग 3500 करोड़ रुपयों के अतिरिक्त राजस्व की प्राप्ति होने का अनुमान है। दिल्ली सरकार के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने मीडिया से बातचीत में बताया कि आर्थिक गतिविधियों के बंद होने व केंद्र सरकार से केंद्रीय करों में न के बराबर भागीदारी मिलने से दिल्ली के राजस्व प्राप्ति में भारी कमी हुई है। साथ ही केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी कंपनसेशन देना बंद करने की वजह से अगले साल से 8000 करोड़ रुपयों के राजस्व में की कमी आएगी। दिल्ली के प्रति केंद्र की उदासीन नीति के कारण दिल्ली को केंद्रीय करों में केवल 325 करोड़ रुपये मिलते है जबकि केंद्रीय करों में दिल्ली सरकार की भागीदारी 1 लाख 40 हजार करोड़ रुपयों की होती है। वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि ये चिंता की बात है इसकी वजह से कर्मचारियों के वेतन और कोरोना संबंधी खर्चों के अलावा सरकार ने बाकि खर्चों को रोक कर रखा है। साथ ही बाकि राज्य सरकारों के साथ-साथ दिल्ली को भी अगले साल से जीएसटी कंपनसेशन मिलना बंद हो जाएगा। उन्होंने साझा किया कि वर्तमान में दिल्ली सरकार के जीएसटी कलेक्शन में 23 प्रतिशत, वैट कलेक्शन 25 प्रतिशत, एक्साइज कलेक्शन 30 प्रतिशत, स्टाम्प कलेक्शन 16 प्रतिशन व मोटर व्हीकल टैक्स कलेक्शन में 19 प्रतिशत की कमी आई है।