धर्म संसार से मुंह मोड़ लेने का नहीं है नाम: दिव्य मोरारी बापू

पुष्कर/राजस्थान। परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञानयज्ञ कथा द्वितीय दिवस-सानिध्य-श्री घनश्याम दास जी महाराज (पुष्कर-गोवर्धन) कथा व्यास-श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर श्री दिव्य मोरारी बापू, कथा स्थल-पदम पुरिया फार्म हाउस, नियर बस स्टैंड सरमथुरा जिला-धौलपुर (राजस्थान) दिनांक-22-3-2022 से 28-3- 2022 तक। कथा का समय-दोपहर 1 बजे से 5:00 बजे तक। कथा के अमृत बिंदु-मानव जीवन दे करके परमात्मा ने स्पष्ट कर दिया कि हम सब पर उनका अत्यंत स्नेह है। हमें परमात्मा के प्रति प्रेम हो न हो लेकिन परमात्मा को हमारे प्रति बहुत प्रेम है। फर्ज की बात सीखना हो तो श्रीराम से सीखो और जीवन का आनंद सीखना हो तो श्रीकृष्ण से सीखो। धर्म संसार से मुंह मोड़ लेने का नाम नहीं है, अध्यात्म का अर्थ जीवन से भागना नहीं है, जीवन में जागना है। संसार में समता रखो और श्रीकृष्ण में ममता रखो। संसार में समता हो और परमात्मा के प्रति ममता हो। इतनी सी बात है। गुलाबों की बरसात नहीं होती, गुलाबों की तो खेती करनी पड़ती है। यदि गुलाब चाहिए तो खेती करो, पुरुषार्थ करो। आसमान की ओर निगाहें उठाकर देखते रहोगे कि अभी फूलों की बरसात होगी तो नैराश्य ही हाथ लगेगा, जिंदगी तुम्हारी समाप्त हो जायेगी। जो व्यक्त है उसका सहारा लेकर जो अव्यक्त है उसको जानने का प्रयास करो। गुरु तो प्रत्यक्ष है। सभी हरि भक्तों के लिए पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धन धाम आश्रम से साधू संतों की शुभ मंगल कामना। श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम काॅलोनी, दानघाटी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, गोवर्धन, जिला-मथुरा (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)।

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