उत्तराखंड। परिवहन विभाग में नियमों को दरकिनार कर पहाड़ में तैनात कर्मचारियों व अधिकारियों को मैदानी इलाकों में अटैच करने का मामला सामने आया है। सचिव परिवहन ने मामले में परिवहन आयुक्त से अटैच कर्मचारियों की सूची के साथ ही अटैचमेंट करने वाले अधिकारियों का ब्योरा भी मांगा है। इन अधिकारियों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। दरअसल शासन ने अटैचमेंट पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया हुआ है। परिवहन विभाग के अधिकारियों ने इस प्रतिबंध से इतर एआरटीओ से लेकर ट्रैफिक इंस्पेक्टर और सिपाहियों को उनकी मनमाफिक जगहों पर अटैच किया हुआ है। हालात यह हैं कि चारधाम यात्रा में ड्यूटी के लिए चार साल पहले आए सिपाही और कर्मचारी, आज तक हरिद्वार, रुड़की में ही अटैच हैं। इसी प्रकार कुंभ में ड्यूटी पर अटैच किए गए तमाम कर्मचारी भी पहाड़ लौटने को तैयार नहीं हैं। वह विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर आधिकारिक तौर पर तो पहाड़ में ही तैनात हैं, लेकिन ड्यूटी मैदानी जिलों में कर रहे हैं। परिवहन सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा को मामले की जानकारी मिली तो उन्होंने सख्त नाराजगी जताई। उन्होंने परिवहन आयुक्त को आदेश दिया है कि तत्काल नियम विरुद्ध हुए अटैचमेंट खत्म करते हुए संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को उनके मूल तैनाती पर भेजा जाए। इसके साथ ही इनका अटैचमेंट करने वाले अधिकारियों की सूची उपलब्ध कराएं ताकि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जा सके। इस आदेश के बाद परिवहन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। परिवहन आयुक्त के स्तर से रिपोर्ट तैयार की जा रही है।