नई दिल्ली। भारतीय खगोलविदों ने हमारे निकटवर्ती ब्रह्मांड में तीन ऐसे महाविशाल ब्लैकहोल के विलय की दुर्लभ घटना का पता लगाया है, जिससे एक्टिव गैलेक्टिक न्यूक्लियस (एजीएन) का निर्माण होता है। यह दुर्लभ खगोलीय घटना नई खोजी गई एक आकाशगंगा के केंद्र में हैं, जहां सामान्य से बहुत अधिक चमक होती है। विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग ने यह जानकारी दी है। रिपोर्ट के मुताबिक हमारे निकटवर्ती ब्रह्मांडों में हुई यह विरलतम घटना बताती है कि विलय करने वाले छोटे समूह अनेक महाविशाल ब्लैक होल का पता लगाने के लिए आदर्श प्रयोगशालाएं हैं। इनसे दुर्लभ घटनाओं का पता लगाने की संभावनाएं बढ़ती हैं। दरअसल, महाविशाल ब्लैकहोल का पता लगाना कठिन होता है, क्योंकि उनसे किसी भी प्रकार का प्रकाश उत्सर्जित नहीं होता। किसी महाविशाल ब्लैकहोल पर आसपास की धूल और गैस गिरती है, तो वह उसका कुछ द्रव्यमान निगल लेता है। लेकिन, इसमें से कुछ द्रव्यमान ऊर्जा में परिवर्तित होकर विद्युत चुम्बकीय विकिरण के रूप में उत्सर्जित होता है, जिससे ब्लैकहोल बहुत चमकदार दिखाई पड़ता है। इन्हें एक्टिव गैलेक्टिक न्यूक्लियस (एजीएन) कहा जाता है।