नई दिल्ली। राज्यसभा सचिवालय द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि पिछले सात सत्रों में राज्यसभा की कार्यवाही में 78 प्रतिशत सदस्यों की औसत दैनिक उपस्थिति दर्ज की गई। सूत्रों ने कहा कि राज्यसभा सांसदों की उपस्थिति के विश्लेषण से पता चलता है कि एक सत्र में लगभग 30 प्रतिशत सदस्यों की पूर्ण उपस्थिति थी और केवल दो प्रतिशत से कम की उपस्थिति शून्य थी। सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदस्यों की उपस्थिति के बारे में जानना चाहा था। इसके बाद सदन की कार्यवाही में सांसदों की भागीदारी के संबंध में पहला ऐसा विश्लेषण किया गया। राज्यसभा सचिवालय ने पिछले सात सत्रों (248वें से 254वें सत्र तक) में सदस्यों की उपस्थिति के आंकड़ों का विश्लेषण किया। इस दौरान कुल 138 बैठकें हुईं। अध्ययन के अनुसार मंत्रियों, उपसभापति, सदन के नेता और विपक्ष के नेता को उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने की आवश्यकता नहीं होने के कारण, संसद सदस्य (वेतन और भत्ता) अधिनियम के तहत रोजाना लगभग 225 सदस्यों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। अध्ययन के मुताबिक 254वें सत्र (पिछला मानसून सत्र) के दौरान उच्चतम दैनिक उपस्थिति 82.57 प्रतिशत दर्ज की गई थी, जबकि उससे पिछले सत्र में 72.88 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज हुई थी। राज्यसभा सूत्रों ने कहा कि इस अवधि के दौरान 29.14 प्रतिशत सदस्यों की पूर्ण उपस्थिति रही, जबकि सिर्फ 1.90 प्रतिशत ने किसी वजह से कार्यवाही में हिस्सा नहीं लिया।