सूची से बाहर हुए देश के 198 राजनीतिक दल

नई दिल्ली। आयकर विभाग ने तोबड़तोड़ विभिन्न राज्यों में 110 स्थानों पर छापे मारकर कर की चोरीविदेशों से वित्तीय मदद प्राप्त करनेके लिए विदेशी मुद्रा नियमन कानून (एफसीआरए) के उल्लंघन और पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के चन्दे तथा गैर-कानूनी ढंग से धन प्राप्त करने से सम्बन्धित मामलों के खिलाफ बहुत बड़ा कदम उठाया है।

यह कार्रवाई आवश्यक और उचित भी है, क्योंकि देश में बड़े पैमाने पर करों की चोरी हो रही है और राजनीतिक दल चन्दे के माध्यम से धन की हेरा-फेरी भी कर रहे हैं। इससे देश को राजस्व की भारी क्षति उठानी पड़ रही है जिस पर अंकुश लगाना राष्ट्र के हित में है। दिल्लीउत्तर प्रदेशराजस्थान, महाराष्ट्रछत्तीसगढ़गुजरात सहित अनेक राज्यों में एक साथ हुई कार्रवाई से जहां कर चोरी करने वालों और राजनीतिक दलों में भय और दहशत उत्पन्न हुआ है वहीं अरबों रुपये के मामलों का भी खुलासा हुआ है।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने इस अभियान में विशेष रुचि दिखा कर देशभर में ऐसे 2100 से अधिक राजनीतिक दलों को चिह्नित किया है जो केवल कागजों पर ही चल रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश में 2800 पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल हैं। इनमें से 198 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक  दलों को जांच के बाद सूची से बाहर कर दिया गया है। ऐसे अनेक राजनीतिक दल हैंजिनका चन्दा वसूलना मुख्य उद्देश्य होता है।

ऐसे दल मनी लाण्ड्रिंग में भी सक्रिय हैं। इसी प्रकार कुछ स्थापित राजनेता भी चन्दे के लेन-देन में सलिप्त हैं। उत्तर प्रदेश में तीन राजनीतिक दलों ने चन्दे में 70 करोड़ रुपए की हेराफेरी की है। इन राजनीतिक दलों ने विगत तीन वर्षों के दौरान बिना किसी राजनीतिक गतिविधि के चन्दे एकत्रित किए। इसी प्रकार कुछ स्वयंसेवी गैर-सरकारी संस्थाएं भी एफसीआरए के नियम का उल्लंघन कर विदेशों से चन्दा जुटाती हैं। छापेमारी के इस अभियान को जारी रखने की आवश्यकता है।

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