पोखरण में ALS 50 ड्रोन सिस्‍टम का सफल परीक्षण

नई दिल्‍ली। भारत स्वदेशी हथियारों के मामले में आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। रक्षा क्षेत्र में हो रहे इनोवेशन ने दुनिया को भी हैरान कर दिया है। अब भारत ने जैसलमेर की पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में ALS 50 ड्रोन का सफल परीक्षण किया है।

ड्रोन कैमरे से लैस ALS 50 ने टारगेट पर सटीक निशाना लगाया। इससे पहले इसका लद्दाख में भी परीक्षण किया जा चुका है। दोनों परीक्षण सफल रहने के बाद इस घातक हथियार के भारतीय सेना में शामिल होने की उम्मीदें बढ़ गई हैं।

पूरी तरह स्वदेश में बना है यह हथियार:-
ALS 50 लॉयटरिंग म्यूनेशन एक तरह का मिसाइल है, जो ड्रोन की तरह काम करता है। इसे टाटा एडवांस सिस्टम लिमिटेड ने बनाया है। मीडिया में प्राप्त जानकारी के मुताबिक, यह हथियार वर्टिकल टेक ऑफ और लैंडिग(VTOL) करने में सक्षम है। इसे संकरी घाटियों, पहाड़ों, जंगलों व दुर्गम क्षेत्रों में इस्तेमाल करने के लिए डिजाइन किया गया है।

कम लागत में अधिक मारक:-  
प्राप्‍त जानकारी के अनुसार, मिसाइल या अन्य ड्रोन की तुलना में ALS 50 की लागत काफी कम है, वहीं यह दुश्मन पर अधिक मारक है। इसमें ऑटोमोनस टारगेटिंग सिस्टम है। यानी पहले से तय टारगेट को यह आसानी से पहचान कर खत्म कर सकता है। इसके साथ ही यह दुश्मन तक पहुंचने से पहले रास्ते की जानकारी भी अपने हैंडलर को देता है।

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