संपत्ति से हुए मुनाफे पर दो तरह से लगता है आयकर…

नई दिल्ली। आयकर मामलों के जानकार गिरीश नारंग का कहना है कि मकान बेचने से होने वाले लाभ पर दो तरह से कर की गणना की जाती है। अगर आपने मकान तीन साल अपने पास रखने के बाद बेचा है, तो इससे हुआ मुनाफा दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) माना जाएगा। अगर 36 महीने से पहले ही मकान बेच दिया है तो लघु अवधि का पूंजीगत लाभ (एसटीसीजी) माना जाएगा। इस पर आपको अपनी आयकर स्लैब के हिसाब से टैक्स देना पड़ेगा, क्योंकि यह मुनाफा अतिरिक्त आय की श्रेणी में रहेगा। वहीं एलटीसीजी पर महंगाई के सापेक्ष इंडेक्सेशन का लाभ लेने के बाद शेष बची राशि पर 20% दर से टैक्स चुकाना पड़ेगा। साथ ही 3% उपकरण भी देना होगा। मुनाफे की गणना संपत्ति खरीदने में खर्च हुई राशि और उसके मरम्मत खर्च को घटाकर की जाती है। दूसरा घर खरीदकर बचाएं टैक्स:- मकान की बिक्री से दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ हुआ है तो इस राशि को दूसरा मकान खरीदने में लगाकर टैक्स देनदारी से बच सकते हैं। यह छूट घर की बिक्री के दो साल के भीतर रेडी तो मूव मकान खरीदने पर मिलेगी। यदि मकान बेचने से एक साल पहले भी दूसरा घर खरीदा है तो भी कर छूट ली जा सकती है। अगर राशि दो करोड़ से ज्यादा नहीं है तो एक मकान बेचने से मिले लाभ को दो मकान में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह सुविधा जीवन में एक ही बार मिलती है। 36 महीने बाद मकान बेचने पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर लगता है, 20 फीसदी है लंबी अवधि का पूंजीगत लाभ कर, जिस पर 3 फीसदी उपकर लगेगा, एसटीसीजी पर टैक्स स्लैब के अनुसार देना पड़ता है कर। मकान निर्माण में लगाएं पैसा:- अगर आप मकान बेचने की तारीख से तीन साल के भीतर नया घर बनाते हैं तो उसकी लागत में दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ को शामिल कर टैक्स बचा सकते हैं। निर्माणाधीन मकान या फ्लैट की बुकिंग भी घर निर्माण की श्रेणी में आती है। हालांकि यहां ये सुनिश्चित करना होगा कि कब्जा तीन साल में मिल जाए। कर छूट का लाभ बढ़ाने के लिए आप ब्रोकरेज, स्टांप शुल्क, हस्तांतरण शुल्क और पंजीकरण शुल्क भी घर की लागत में शामिल कर सकते हैं। नई खरीदी गई संपत्ति को तीन साल तक बेच नहीं सकते हैं। अन्यथा ली गई छूट को आपकी आय में जोड़ दिया जाएगा। सरकारी बॉन्ड में करें निवेश:- मकान बेचने की तारीख से 6 महीने के भीतर सरकार द्वारा निर्धारित बॉन्ड में निवेश कर भी टैक्स बचा सकते हैं। एनएचएआई, ग्रामीण विद्युतीकरण निगम, रेलवे वित्त निगम आदि के कैपिटल गेन बॉन्ड में निवेश कर पूंजीगत लाभ की राशि पर टैक्स बचा सकते हैं। इसमें निवेश की अवधि 5 साल होती है और इस दौरान इन्हें भुनाया या गिरवी नहीं रखा जा सकता। इस पर सालाना 5.25% का ब्याज मिलेगा जो कर योग्य माना जाएगा। वैसे तो मकान बेचने से हुए पूंजीगत लाभ की अधिकतम 50 लाख की राशि ही बॉन्ड में निवेश कर सकते हैं, लेकिन आयकर कानून आपको अन्य विकल्प भी इसके साथ अपनाने की छूट देता है। बैंक में भी कर सकते हैं जमा:- मकान की बिक्री से हुए लाभ को निवेश करने के लिए भले ही आपको दो-तीन साल का समय मिलता हो लेकिन बिक्री के बाद भरे जाने वाले आईटीआर में इसकी जानकारी देनी होगी। अगर आप तब तक निवेश नहीं कर पाते हैं तो लाभ की राशि को बैंकों के कैपिटल गेन अकाउंट स्कीम में डाल सकते हैं। निर्धारित समय तक इस पर टैक्स नहीं लगेगा।

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