स्वास्थ्य। इस भागमभाग भरी जिंदगी में हमारी लाइफस्टाइल में काफी बदलाव आया है। बदलती जीवनशैली और अनहेल्दी खानपान का हमारी हेल्थ पर बड़ा असर पड़ा है। कई तरह की बीमारियां भी तेजी से बढ़ी हैं। कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक जैसी दिक्कतें भी पिछले कुछ वक्त में तेजी से बढ़ी हैं। हालांकि अब कार्डियक अरेस्ट काफी कॉमन बीमारी हो चुकी है लेकिन अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह हार्ट की गंभीर बीमारी बन सकती है।
कार्डियक अरेस्ट दिल से संबंधित एक गंभीर बीमारी है जिसमें दिल से दूसरे अंगों की सूचनाओं का आदान-प्रदान बंद हो जाता है। इसमें एक तरह से इलेक्ट्रिकल सर्किट बाधित हो जाता है। यह हार्ट अटैक की तुलना में अधिक घातक होता है क्योंकि यह बिना किसी चेतावनी के अचानक होता है। जब कार्डियक अरेस्ट होता है तब दिल की पंपिंग क्रिया बाधित होती है जिसकी वजह से हृदय, मस्तिष्क, और दूसरे अंगों तक रक्त ठीक प्रकार से नहीं पहुंच पाता। हालांकि कार्डियक अरेस्ट होने से पहले हमें कुछ संकेत मिलते हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। आइए जानते हैं इन संकेतों के बारे में–
असमान्य हृदय गति:-
कार्डियक अरेस्ट का सबसे आम संकेत दिल की धड़कन का उतार चढ़ाव। अगर आपकी धड़कन लगातार कम या ज्यादा होती है तो यह इसका पहला संकेत हो सकता है। कार्डिएक अरेस्ट के दौरान, हृदय की मांसपेशियों में संकुचन की क्षमता कम हो जाती है जिससे ब्लड के पंप होने की क्रिया बाधित होती है। इससे हृदय को मस्तिष्क से कोई संकेत नहीं मिल पाता। जिससे दूसरे अंगों को भी कार्य करने का संकेत नहीं मिलता।
सांस लेने में दिक्कत होना:-
यदि हमारा दिल पंप कर रहा है लेकिन फेफड़ों को ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल रही है तो इससे सामान्य रूप से कार्य करने में दिक्कत होगी। क्योंकी ऑक्सीजन न मिलने से सांस लेने की समस्या उत्पन्न होने लगती है।
अंगों में झुन्न आना:-
जब दिल ठीक प्रकार से काम नहीं करता है तो इससे दूसरे अंगों पर भी प्रभाव पड़ता है। कार्डियक अरेस्ट से पहले कई बार अंगों में झुन्नता महसूस होने लगती है।
बेचैनी महसूस होना लक्षण:-
जब आपका हृदय ठीक प्रकार से ब्लड को पंप नहीं कर पाता तो इससे कई बार बेचैनी महसूस होने लगती है और आप असहज हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में आपको पूरा ध्यान ठीक से सांस लेने पर लगाना होता है। आपका चेहरा भी लाल हो सकता है।
कार्डियक अरेस्ट के दूसरे बड़े लक्षण:-
– ब्रेन में ठीक से ब्लड की सप्लाई न होने पर बेहोश हो जाना।
– नॉर्मल तरीके से सांस न लेना और दिल की धड़कन तेज हो जाना।
– ब्लड प्रेशर और पल्स का रुक जाना।
– छाती में दर्द महसूस होना।
– मचली और उल्टी महसूस होना।
– अचानक से पसीना आना।