नई दिल्ली। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने इटली की राजधानी रोम में ब्रिटिश संसद के निचले सदन हाउस ऑफ काॅमंस के स्पीकर लिंडसे होयले से मुलाकात की। इस दौरान बिड़ला ने उनसे कहा कि किसी भी देश को अपनी संसद में किसी दूसरे देश से संबंधित मामलों को नहीं उठाने देना चाहिए। इस पर होयले ने कहा कि भारत को लेकर ऐसी कोशिश ब्रिटेन के सदन में हुए थी पर हमने इजाजत नहीं दी। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला जी-20 देशों की संसदों के अध्यक्षों के सम्मेलन में भाग लेने रोम गए हैं। इसी दौरान उनकी होयले से मुलाकात हुई। बिड़ला ने उनके समक्ष देशों की संप्रभुता के सम्मान का मुद्दा उठाते हुए कहा कि हर देश की अपनी संप्रभुता है, जिसका अन्य देशों को सम्मान करना चाहिए। किसी देश की संसद को अन्य देशों के आंतरिक मामले उठाने की इजाजत नहीं देनी चाहिए। बिड़ला ने यह बात ब्रिटिश संसद में कुछ सांसदों द्वारा किसान आंदोलन का मुद्दा उठाने की कोशिशों को लेकर कही। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने जब यह बातें कहीं तो हाउस ऑफ कॉमन्स के अध्यक्ष लिंडसे होयले ने कहा कि भारत के आंतरिक मामलों में हम भारत सरकार के साथ हैं। भारत से जुड़े विषय उठाने की ब्रिटिश संसद में कोशिश हुई थी। इस मौके पर उन्होंने ब्रिटेन की तरक्की में भारतीयों के योगदान की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को भारतीयों ने संबल दिया। ब्रिटिश के हेल्थ सेक्टर में भी भारतीय चिकित्सकों की अहम भूमिका है। ब्रिटेन में रह रहे 16 लाख भारतीय ब्रिटिश कंपनियों और समाज में अहम योगदान दे रहे हैं। लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी बयान के अनुसार दोनों नेता इस बात पर सहमत थे कि दोनों देशों के सांसदों को संसदीय कूटनीति के जरिए अपने विचारों का आदान प्रदान करना चाहिए। उन्हें यह प्रयास करना चाहिए कि उनकी लोकतांत्रिक संस्थाओं को जनहित में कैसे मजबूत किया जा सकता है।