पुष्कर/राजस्थान। परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, गणपति का स्मरण अनिवार्य है। गणपति का सबसे बढ़िया मंत्र है-ऊँ गं गणपतये नमः। जब-जब देवताओं पर संकट आये हैं। सबने इसी मंत्र का जप किया है। गुरु से प्राप्त कर इसका जप करना चाहिए, हर कार्य आपका निर्विघ्न संपन्न होगा, मंगलमय होगा। ये याद न रहे तो पंचाक्षर मंत्र-,’ ऊँ गणेशाय नमः ‘ यह तो सरल है। कम से कम एक माला प्रातः काल जरूर जपना चाहिए। शास्त्रों में लिखा है-‘ कलौ चंडी विनायकौ ‘ कलयुग में भगवती दुर्गा और भगवान गणेश प्रत्यक्ष देवता है कलियुग में इनका पहरा है। कहते हैं बच्चा गंदा पैदा हो, पैरालाइसिस हो, पोलियो हो, सब छोड़कर चले जाएंगे, लेकिन मां नहीं छोड़ेगी। कलियुग में सबसे ज्यादा दोष लोगों में होते हैं, सबसे ज्यादा गंदे बच्चे अर्थात् लोग होते हैं। गलत काम करना ही गंदगी है। सब देवता साथ छोड़ देते हैं। भगवती मां दुर्गा और गणपति ने कहा हम कभी नहीं छोड़ेंगे, कितने बड़े पापी क्यों न हो हम उनका उद्धार करेंगे। सभी हरि भक्तों के लिए पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धन धाम आश्रम से साधू संतों की शुभ मंगल कामना। श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कालोनी, दानघाटी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, गोवर्धन, जिला-मथुरा,
(उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर
जिला-अजमेर (राजस्थान)।