नई दिल्ली। भ्रष्टाचार के खिलाफ केन्द्र सरकार ने एक सराहनीय और बड़ा कदम उठाया है। इससे अवैध कमाई के लिए विदेशी अंशदान अधिनियम (एफसीआरए) का उल्लंघन और रिश्वत लेकर क्लिरेंस देने के काम में लिप्त कर्मचारियों, अधिकारियों पर अंकुश लगेगा। गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने भ्रष्टाचार में लिप्त कई एनजीओ और स्वराष्ट्र मंत्रालय से जुड़े अफसरों को पकड़ने के लिए देश के विभिन्न राज्यों में 40 जगहों पर छापेमारी की है।
इस छापेमारी में हवाला से भेजे गये जहां दो करोड़ बरामद किये गये वहीं एक दर्जन से अधिक अधिकारी और दलालों को गिरफ्तार किया गया है। एफसीआरए डिवीजनके कुछ कर्मचारी और अधिकारी दलालों के साथ मिलकर एनजीओ को फायदा पहुंचाने के काम में जुटे थे। जब किसी एनजीओ को अपना कोई काम करना होता था तो वह दलाल के माध्यम से एफसीआरए डिवीजन के अधिकारियों से सम्पर्क करते थे और लेन-देन के बाद क्लिरेंस का काम करते थे। गृहमंत्री अमित शाह की पहल पर केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने दिल्ली, चेन्नई, जयपुर, हैदराबाद, मैसूर और कोयम्बटूर सहित कई शहरों में भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान छेड़ा है।
गिरफ्तार किये गये लोगों में गृह मंत्रालय के सेक्शन स्तर के अफसर, एनजीओ के प्रतिनिधि और बिचौलिये शामिल हैं। ये अधिकारी रिश्वत लेकर एनजीओ को लाभ पहुंचाने का काम करते थे। इसके खिलाफ सख्ती स्वागत योग्य कदम है। ऐसे अधिकारियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए जो अन्य के लिए नजीर बने और एनजीओ में भ्रष्टाचार का खुला खेल बंद हो। केन्द्रीय जांच ब्यूरो को अपना अभियान सतत जारी रखना होगा, तभी भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसी जा सकेगी। भ्रष्टाचार मुक्त भारत के लिए सीबीआई का अभियान जरूरी है।