नई दिल्ली। भारत-चीन व भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनातनी व गतिरोध के बीच विदेश मंत्रालय ने साफ कहा कि भारत ने न तो हमारे क्षेत्र पर किसी तरह के अवैध कब्जे को स्वीकार किया है और न ही चीन के अनुचित दावों को मंजूर किया है। अफगानिस्तान को लेकर हुई एनएसए बैठक को लेकर मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हमने न्योता दिया था, लेकिन पाकिस्तानी अधिकारी नहीं आए। इससे अफगानिस्तान को लेकर उनके रवैये का पता चलता है। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन की रिपोर्ट में चीन द्वारा भारत-चीन बॉर्डर के पास निर्माण कार्यों व कथित तौर पर गांव बसाने का दावा किया गया है। इसे लेकर बागची ने कहा कि सरकार ने हमेशा राजनयिक माध्यम से चीन की ऐसी गतिविधियों का कड़ा विरोध किया है और भविष्य में भी ऐसा करना जारी रखेगी। चीन ने पहले भी सीमा से लगते क्षेत्र में निर्माण कार्य किए हैं, जिसमें दशकों के दौरान अवैध रूप से कब्जा किया गया क्षेत्र शामिल है। सरकार भारत की सुरक्षा पर असर डालने वाले घटनाक्रमों पर लगातार नजर रखे हुए है। संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए सभी उपाय किए जा रहे हैं। बागची ने कहा कि सरकार ने सीमावर्ती क्षेत्र में सड़कें, पुल आदि के निर्माण सहित बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिससे सीमावर्ती क्षेत्र में स्थानीय आबादी को ज़रूरी सुविधाएं और कनेक्टिविटी प्रदान की गई। आगे भी सरकार द्वारा ऐसे कार्य किए जाएंगे।