नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख और अंतरिक्ष विज्ञान विभाग के सचिव डॉ. के सिवन ने रविवार को कहा कि भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी भागीदारी बढ़ाने के लिए अपनी वर्तमान नीतियों में संशोधन करेगा और नई नीति तैयार करेगा। उन्होंने कहा कि हम उद्योग आधारित नीतियां शुरू करने जा रहे हैं। दुबई एक्सपो 2000 के एक संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए उन्होंने आगे कहा कि भारतीय कंपनियों को आगे वैश्विक स्तर पर अंतरिक्ष उद्योग में बड़ी भूमिका निभानी है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में हाल के नीतिगत सुधारों ने निजी क्षेत्र की इकाइयों को आपूर्तिकर्ता से आगे बढ़कर पूरी प्रक्रिया में भाग लेने का अवसर दिया है। डॉ. सिवन ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि वाणिज्यिक और तकनीकी सहयोग से अंतरिक्ष सहयोग और मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक बाजार में अंतरिक्ष क्षेत्र को बढ़ावा देने की योजना बना रहा है। भविष्य में देश को एक आर्थिक अंतरिक्ष केंद्र बनाने के उद्देश्य से हाल ही में एक नया उद्योग निकाय, इंडियन स्पेस एसोसिएशन (ISpA) भी लॉन्च किया गया है। सिवन ने कहा कि सरकार अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी कंपनियों को आमंत्रित करने के लिए तैयार है और इसरो स्टार्ट-अप और उद्योगों के साथ गठजोड़ कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत द्विपक्षीय और बहुपक्षीय भागीदारी सहित अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। हाल के दिनों में, इसरो ने देश में अंतरिक्ष स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित करने के लिए नीति आयोग और उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के साथ भी हाथ मिलाया है। हालांकि सिवन ने बाहरी अंतरिक्ष को सुरक्षित बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया और यह सुनिश्चित करने के लिए सरकारी और गैर-सरकारी एजेंसियों की सामूहिक जिम्मेदारी है।