अदालतों के इंटेलिजेंस और सिक्योरिटी सिस्टम को बदलने की हो रही है तैयारी
नई दिल्ली। दिल्ली की रोहिणी अदालत में हुए शूटआउट, जिसमें तीन गैंगस्टर मारे गए हैं, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस घटना की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। सूत्रों का कहना है कि प्रारंभिक रिपोर्ट में सामने आया है कि रोहिणी कोर्ट में सुरक्षा चूक तो हुई है। इसके चलते ही हमलावर कोर्ट के भीतर तक चले गए थे। हालांकि पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना इसे चूक नहीं मान रहे। वे कह रहे हैं कि पुलिस चौकस थी। हमलावरों को मौके पर ही मार गिराया गया। राष्ट्रीय राजधानी में दिन दहाड़े हुई इस खौफनाक घटना के बाद दिल्ली के अदालतों की सिक्योरिटी सिस्टम को बदलने की तैयारी हो रही है। इसके लिए न्यायिक व्यवस्था से जुड़े अधिकारियों की राय ली जाएगी। यानी जज, वकील, पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसियां मिलकर नए सिस्टम पर अपना पक्ष रखेंगे। रोहिणी कोर्ट में दोनों गैंगस्टर वकील की वेशभूषा में अंदर आए थे। प्रवेश द्वार पर वकीलों की जांच उस तरीके से नहीं होती, जैसे आम आदमी की होती है। दिल्ली की सभी अदालतों में ‘इंटेलिजेंस’ व ‘सिक्योरिटी’ सिस्टम बदला जा सकता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक अधिकारी का कहना है, दिल्ली पुलिस से जो प्रारंभिक जानकारी मिली है, उसमें कहा गया है कि दोनों हमलावर पहले से ही वहां मौजूद थे। दिल्ली पुलिस की काउंटर इंटेलिजेंस टीम, गैंगस्टर जितेंद्र उर्फ गोगी को लेकर आई थी। अदालत परिसर में चूक तो हुई है, अन्यथा बदमाश अंदर तक नहीं पहुंच पाते। उन्होंने कई दिनों तक रेकी भी की होगी। सीसीटीवी फुटेज में यह बात सामने आ सकती है। हमलावरों ने देखा होगा कि अदालत में प्रवेश के लिए जज, वकील और स्टाफ के लिए अलग से एंट्री गेट है। वहां जांच का अभाव रहता है, जबकि सामान्य पब्लिक जिस गेट से अंदर जाती है, वहां अच्छे से मेटल डिटेक्टर द्वारा जांच होती है। बदमाशों ने व्यवस्था की इसी चूक का फायदा उठाया। वे वकील की वेशभूषा में अंदर आ गए।