मुंबई। बैंकों का सकल एनपीए चालू वित्त वर्ष के दौरान 8-9 फीसदी बढ़ सकता है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की मंगलवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक सकल एनपीए में यह बढ़ोतरी 2017-18 के 11.2 फीसदी के उच्चतम स्तर से काफी नीचे होगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि कर्ज पुनर्गठन व्यवस्था और आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) जैसे कोविड-19 राहत उपाय बैंकों के सकल एनपीए में जोखिम को सीमित करने में मददगार होंगे। 2021-22 अंत तक कुल बैंक कर्ज के करीब दो फीसदी हिस्से का पुनर्गठन हो सकता है, जबकि तनावग्रस्त संपत्तियां (सकल एनपीए और पुनर्गठन के तहत लोन बुक) इस दौरान 10-11 फीसदी के स्तर पर पहुंच सकती हैं। क्रिसिल के वरिष्ठ निदेशक एवं डिप्टी चीफ रेटिंग्स अधिकारी कृष्णन सीतारमन ने कहा कि खुदरा और एमएसएमई क्षेत्र में इस बार एनपीए एवं तनावग्रस्त संपत्तियों में उच्च वृद्धि देखने को मिल सकती है। खुदरा क्षेत्र में तनावग्रस्त संपत्तियां 4-5 फीसदी बढ़ सकती हैं, जबकि एमएसएमई क्षेत्र में 17-18 फीसदी बढ़ने की आशंका है। बैंकों के कुल कर्ज में इन दोनों क्षेत्रों की हिस्सेदारी 40 फीसदी है।