नई दिल्ली। मोबाइल फोन बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले पुर्जों पर आयात शुल्क घटाने की मांग करते हुए उद्योग निकाय इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) ने कहा कि कंपोनेंट्स पर करों में वृद्धि से प्रोत्साहन (PLI) योजना के तहत भारत में निर्मित उत्पाद विश्व स्तर पर अप्रतिस्पर्धी हो जाएगा। इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन ने मांग की है कि बजट में संबंधित माल एवं सेवा कर को वर्तमान के 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी किया जाए क्योंकि कर घरेलू बाजार एवं विनिर्माताओं की वृद्धि में बाधा है।
इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन के चेयरमैन ने इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को लिखे पत्र में कहा कि उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना जनवरी 2020 से पहले भारत में जारी विनिर्माण के लिए चीन और वियतनाम जैसे देशों की तुलना में आंशिक लागत कमी को पूरा करने के लिए प्रोत्साहन राशि देती है। चेयरमैन पंकज महिंद्रो ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 और वित्त वर्ष 2021-22 के लिए केंद्रीय बजट में शुल्क संरचना में बदलाव के बाद लागत अक्षमता अंतर और बढ़ गया है। इनपुट पर टैरिफ बढ़ाने से PLI अनुमोदित कंपनियों के लागत ढांचे पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा जो वैश्विक बाजारों के लिए उत्पाद की कीमत अप्रतिस्पर्धी बनाना है।