धर्म। व्यक्ति के कर्म के आधार पर ही स्वर्ग और नर्क का निर्धारण है। कर्म ही इंसान के भविष्य का निर्माण करता है। बुरे कर्मों का नतीजा हमेशा बुरा ही होता है और इसकी सजा भी मिलती है। लेकिन बहुत बार जाने-अनजाने में भी ऐसे कार्य हो जाते हैं, जिसका श्राप इंसान को लगता है। श्राप से ना सिर्फ इंसान बल्कि भगवान स्वयं भी नहीं बच पाते। इस बात का उल्लेख ग्रंथ पुराणों में मिलता है लेकिन जाने-अनजाने में हुए अनैतिक कार्य के लिए लगे श्राप से पूजा पाठ कर मुक्ति पा सकते हैं। इस संसार में महादेव भगवान शिव की पूजा से कोई भी व्यक्ति श्राप मुक्त हो सकता है। आइए इसके बारे में जानते है।
कई जन्मों तक लगता है श्राप –
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, श्राप कई तरह के होते हैं। कुछ श्राप एक निश्चित अवधि तक भोगने पड़ते हैं तो कुछ को कई जन्मों तक भोगना पड़ता है। ऐसे में किसी भी श्राप से मुक्त पाने के लिए भगवान शिव की पुजा किया जा सकता है। शिवजी की पूजा से दुखों का निवारण भी होता है।
ऐसे पता करें श्राप –
ज्योतिषियों के अनुसार, कुंडली के जरिये किसी भी जातक को लगा श्राप का पता किया जा सकता है अगर किसी जातक की कुंडली में राहु की स्थिति खराब हो, सूर्य एवं शनि का संबंध हो, शनि के साथ राहु का संबंध हो तो श्राप की स्थिति होती है। इसी तरह अगर हाथ में बीचोंबीच तिल हो तो भी श्राप भोगना पड़ता है।
इस तरह से मिलेगी श्राप से मुक्ति :-
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, श्राप मुक्ति के लिए हर रोज सुबह ‘ऊँ गंगाधराय नमः’ मंत्र का जाप करें। सूर्योदय के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करते समय ‘ऊँ नमो भगवते रुद्राय’ का जाप करें। सोमवार का व्रत रखें। किसी भी ज्योतिर्लिंग के स्थान पर एक महीने तक पूजा करें।
महादेव को बेल पत्र और जल अर्पित करें। ‘शिव अपराध क्षमा स्तोत्र’ का पाठ करें। इसके अलावा रुद्राष्टक का पाठ करें। सोमवार को शिव चालीसा का पाठ करें। जीवन में वृक्षारोपण का संकल्प लें और रोज पौधों में पानी डालें।