योग। स्वास्थ्य विशेषज्ञ शरीर को स्वस्थ रखने के लिए सभी लोगों को दिनचर्या को ठीक रखने की सलाह देते हैं, इसमें नियमित रूप से योगासनों के अभ्यास के साथ स्वस्थ और पौष्टिक चीजों के सेवन से विशेष लाभ मिल सकता है। उम्र बढ़ने के साथ कई प्रकार की दिक्कतें होनी शुरू हो जाती है, इस तरह के विकारों से बचे रहने के लिए आहार में एंटी-एजिंग खाद्य पदार्थों को शामिल करने की सलाह दी जाती है। क्या आप जानते हैं कि नियमित रूप से दिनचर्या में योगासनों को शामिल करना भी इसमें आपके लिए सहायक हो सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने पाया कि योग की आदत बनाना, उम्र बढ़ने के साथ होने वाले दुष्प्रभावों को नियंत्रित करने और आपको युवा महसूस कराते रहने के लिए लाभकारी हो सकती है। आइए उन योगासनों के बारे में जानते हैं जिनके नियमित अभ्यास की आदत शरीर में एंटी-एजिंग प्रभावों को बढ़ाने वाली हो सकती है।
शीर्षासन योग :-
शीर्षासन योग को एंटी-एजिंग प्रभावों को बढ़ाने वाला माना जाता है, इसके नियमित रूप से अभ्यास की आदत ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने में मदद करती है। शीर्षासन योग के अभ्यास से चेहरे की रौनक बढ़ती है और इसे झुर्रियों से छुटकारा दिलाने के साथ आंखों को स्वस्थ रखने में मददगार माना गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने पाया कि शीर्षासन योग के नियमित अभ्यास की आदत बनाना स्वास्थ्य को कई प्रकार के लाभ प्रदान करती है।
सर्वांगासन योग :-
सर्वांगासन योग को भी प्रभावी योगासनों में से एक माना जाता है, इसे शोल्डर स्टैंड के नाम से भी जाना जाता है। यह अभ्यास पूरे शरीर के लिए फायदेमंद हो माना जाता है। योग विशेषज्ञों ने पाया कि थायराइड के साथ-साथ ब्लड प्रेशर से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में इस योग के अभ्यास से लाभ मिलता है, साथ ही यह शरीर के ऊपरी हिस्से में रक्त के संचार को बढ़ावा देने वाला अभ्यास है जिससे मस्तिष्क के विकारों को कम करने में फायदा मिलता है।
हलासन योग:-
हलासन योग का अभ्यास शरीर को स्वस्थ रखने और लचीलेपन को बढ़ावा देने के लिए किया जा सकता है। रक्त के संचार को बढ़ाने के साथ मांसपेशियों और हड्डियों को स्वस्थ रखने वाले इस योगासन की आदत उम्र बढ़ने के साथ होने वाली बीमारियों के जोखिम को कम करने में भी सहायक है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने पाया कि हलासन योग के अभ्यास से शरीर में कई ऐसे हार्मोन्स का स्राव बढ़ता है जो एंटी-एजिंग गुणों के लिए जाने जाते हैं।