Dubai: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संयुक्त अरब अमीरात के दो दिवसीय दौरे का आज दूसरा दिन है. इस दौरान पीएम मोदी ने यूएई के अबू धाबी में बने भव्य हिंदू मंदिर का उद्घाटन किया. वहीं, दुबई में वर्ल्ड गवर्नमेंट्स समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मेरा मानना है कि आज विश्व को ऐसी सरकारों की जरूरत है जो सबको साथ लेकर चले. दुबई जिस प्रकार से वैश्विक अर्थव्यवस्था, वाणिज्य और प्रौद्योगिकी का वैश्विक केंद्र बन रहा है, वह बहुत बड़ी बात है.
Dubai: आज हम 21वीं सदी में
समिट के दौरान उन्होंने कहा कि आज हम 21वीं सदी में हैं. एक ओर दुनिया आधुनिकता की तरफ बढ़ रही है तो पिछली सदी से चले आ रहीं चुनौतियां भी उतनी ही व्यापक हो रही हैं. चाहें वो खाने की सुरक्षा हो, स्वास्थ्य सुरक्षा हो, पानी की सुरक्षा हो, ऊर्जा की सुरक्षा हो या फिर शिक्षा हो. हर सरकार अपने नागरिकों के प्रति अनेक दायित्वों से बंधी हुई है. आज सभी सरकारों के सामने प्रश्न है कि वो किस अप्रोच के साथ आगे बढ़े. ऐसे में मेरा मानना है कि आज विश्व को ऐसी सरकारों की जरूरत है जो सबको साथ लेकर चले.
Dubai: सरकार का दबाव नहीं होना चाहिए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं मानता हूं कि सरकार का अभाव भी नहीं होना चाहिए और सरकार का दबाव भी नहीं होना चाहिए. बल्कि मैं तो ये मानता हूं कि लोगों की जिंदगी में सरकार का दखल कम से कम हो और ये सुनिश्चित करना भी सरकार का ही काम है. पिछले 23 वर्षों में सरकार में मेरा सबसे बड़ा सिद्धांत रहा है-‘मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस’. मैंने हमेशा एक ऐसा वातावरण बनाने पर जोर दिया है, जिसमें नागरिकों में उद्यम और ऊर्जा की भावना विकसित हो.
Dubai: भेदभाव और भ्रष्टाचार दोनों की गुंजाइश समाप्त
पीएम मोदी ने आगे कहा कि ‘सबका साथ-सबका विकास’ के मंत्र पर चलते हुए हम सैचुरेशन की अप्रोच पर बल दे रहे हैं. सैचुरेशन की अप्रोच, मतलब सरकार की योजनाओं के लाभ से कोई भी लाभार्थी छूटे नहीं बल्कि सरकार खुद उस तक पहुंचे. गवर्नेस के इस मॉडल में भेदभाव और भ्रष्टाचार दोनों की ही गुंजाइश समाप्त हो जाती है.
Dubai: गवर्नेंस में जन-भावनाओं को दी प्राथमिकता
पीएम मोदी ने कहा कि ‘हमने गवर्नेंस में जन-भावनाओं को प्राथमिकता दी है. हम देशवासियों की आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशील हैं. हमने लोगों की जरूरतों और लोगों के सपनों को पूरा करने पर ध्यान दिया है. आज भारत सौर, हवा, जल के साथ-साथ बायोफ्यूल्स, ग्रीन हाइड्रोजन पर भी काम कर रहा है. हमारी संस्कृति हमें सिखाती है कि प्रकृति से जितना प्राप्त किया है, उसे लौटाने का प्रयास भी करना चाहिए. इसलिए भारत ने विश्व को एक नया मार्ग सुझाया है, जिस पर चलते हुए हम पर्यावरण की बहुत मदद कर सकते हैं. ये मार्ग है- मिशन लाइफ यानि वातावरण के लिए जीना.
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