नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष 2023 के प्री-लॉन्च समारोह को संबोधित किया। इस मौके पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वैश्विक खाद्य सुरक्षा के लिए कोविड, कॉन्फ्लिक्ट और क्लाइमेट को तीन प्रमुख चुनौतियों के रूप में पेश किया है।
विदेश मंत्री ने कहा कि इन तीन चुनौतियों में से प्रत्येक ने खाद्य सुरक्षा को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत बाजरे का दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक है। विश्व के बाजरा उत्पादन में लगभग 20 फीसदी भारत की हिस्सेदारी है।
विदेश मंत्री ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की शुरुआत खाद्य सुरक्षा से हुई है। इसका मूल विचार यह था कि कैसे स्वयं के लिए भोजन सुरक्षित कर सकते हैं और दूसरों तक यह कैसे पहुंचा सकते हैं। इसीलिए हमने भारतीय बाजरा वर्ष को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाने का फैसला किया है।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अनुसार भारत एशिया में बाजरे का 80 प्रतिशत उत्पादन करता है। विश्व के बाजारा उत्पादन में देश की 20 प्रतिशत हिस्सेदारी है। यह सदियों से मध्य भारत का प्रमुख मुख्य अनाज रहा है। मंत्रालय का कहना है कि 1965-70 तक बाजरे का भारत की कुल खाद्यान्न सामग्री में 20 प्रतिशत हिस्सा था। यह अब घटकर मात्र 6 प्रतिशत रह गया है।
बाजरे की उपज व मांग बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में मनाने का फैसला किया है। इस दौरान भारतीय बाजरा, इसके व्यंजनों और मूल्य वर्धित उत्पादों का विश्व स्तर पर प्रचार प्रसार किया जाएगा।