छात्रों में इंटरपर्सनल स्किल बढ़ाने के लिए अपनाएं ये टिप्स

लाइफ स्टाइल। कुछ लोग बचपन से ही काफी होनहार और खास प्रतिभा वाले होते हैं। लेकिन ऐसे कई बच्चे और छात्र ऐसे होते हैं जिनमें स्किल को डेवलप करना पड़ता है। बच्चे किसी भी देश का भविष्य होते हैं ऐसे में जरूरी है कि वह ऐसे तरीकों को अपनाएं जो उन्हें भविष्य में खुद के लिए सक्षम बना सके। छात्रों के जीवन का एक अहम हिस्सा होता है इंटरपर्सनल स्किल। इस स्किल का वे अपने दैनिक जीवन में कई तरह से इस्तेमाल करते हैं, चाहे वह कॉलेज का कोई प्रोजेक्ट हो या फिर किसी समूह में बात करना हो।

इंटरपर्सनल स्किल में संचार कौशल सबसे अहम होता है क्योंकि इसी के माध्यम से छात्र अपनी बातों को प्रभावी ढंग से रखते हैं और इसी से वे प्रभावी तरीके से बोलना, टीम वर्क, बातचीत के तरीकों, समस्या समाधान और निर्णय लेते हैं। छात्र जब स्कूल में पढ़ाई के दौरान इस कौशल को सीखते हैं तो यह पूरे जीवन भर उनके व्यवहार का हिस्सा बना रहता है। आइए जानते हैं छात्रों में इंटरपर्सनल स्किल बढ़ाने के तरीके-

इंटरपर्सनल स्किल के प्रकार:-

– सक्रिय रूप से लोगों को सुनना

– मौखिक संचार करना

– नॉन वर्बल कम्यूनिकेशन

– टीम वर्क स्किल

– सहानुभूति

– लीडरशिप

– धैर्य रखना

– पब्लिक स्पीकिंग

छात्रों में इंटरपर्सनल स्किल बढ़ाने के तरीके:-

छात्रों के टीम वर्क को बढ़ाएं:

छात्रों के टीम वर्क गतिविधि को जितना अधिक बढ़ाएंगे उनमें पारस्परिक कौशल उतनी ही अधिक बढ़ेगा। टीम वर्क से छात्रों को आपस में बातचीत और नए रिलेशन बनाने में मदद मिलती है।

खुलकर बातचीत करना सिखाएं:-

कई बच्चे ऐसे होते हैं जो भीड़ में काफी चुप होते हैं ऐसे बच्चे कभी-भी अपनी राय दूसरों के सामने नहीं रखते। इसलिए जरूरी है कि बच्चों को आगे बढ़ने और डिफरेंट टाइप की एक्टीविटी में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें।

छात्रों को निर्णय लेने की अनुमित दें:-

छात्रों को छोटे-मोटे मामलों में खुद ही निर्णय लेने का अधिकार दें। इससे बच्चों में निर्णय लेने की क्षमता बढ़ेगी। उन्हें तय करने का मौका दें कि वे क्या खाना चाहते हैं और क्या पहनना चाहते हैं।

उनके विचारों को सुने:-

छात्रों की एक सबसे खास बात यह होती है कि वे तरह-तरह के नए विचारों से भरे होते हैं इसलिए जरूरी है कि उनके थॉट्स को सुने। इससे वे खुद की इंपॉर्टेंस को समझेंगे और उन्हें सुनने के महत्व का एहसास होगा।

अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका दें:-

हर छात्र की अपनी अलग-अलग प्रतिभा होती है चाहे वह कोई शैक्षणिक क्षमता हो या फिर कोई दूसरे काम को करने की प्रतिभा। हमें बच्चों की प्रतिभा को समझकर उन्हें आगे बढ़ने का मौका देना चाहिए। उन्हें एक मंच देना चाहिए जहां वे अपनी प्रतिभाओं का प्रदर्शन कर सकें और अपने आत्मसम्मान और आत्मविश्वास को बढ़ा सकें।

उन्हें लीक से हटकर सोचने दें:-

छात्रों में इंटरपर्सनल स्किल को बढ़ावा देने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप उन्हें कुछ अलग करने और कुछ डिफरेंट सोचने का मौका दें। उन्हें वही करने के लिए न फोर्स करें जो दूसरे बच्चे लोग कर रहे हैं। उन्हें नया दृष्टिकोण अपनाने के लिए कहें।

 

 

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